Budget 2021: मोदी सरकार कोरोना महामारी के चलते हेल्थ बजट में कर सकती है बड़ा इजाफा
बजट (File Photo)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की वजह से लोगों के जीवन में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका हो गई है. क्षेत्र की कंपनियों का कहना है कि ऐसे में आज देश के स्वास्थ्य सेवा ढांचे में सुधार के लिए ऊंचे बजट आवंटन की जरूरत है. केंद्रीय आम बजट 2021-22 को 1 फरवरी 2021 को पेश किया जाएगा. VIDEO: हलवा सेरेमनी के साथ आम बजट 2021-22 की प्रिंटिंग शुरू, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘Union Budget Mobile App’ भी किया लॉन्च

फार्मा क्षेत्र ने ‘दुनिया की फार्मेसी’ में प्रमुख भूमिका निभाई है. फार्मा क्षेत्र को उम्मीद है कि आगामी बजट में विशेष रूप से शोध एवं विकास तथा नवोन्मेषण के लिए समर्थन दिया जाएगा. नैटहेल्थ की अध्यक्ष एवं अपोलो हॉस्पिटल्स की कार्यकारी वाइस-चेयरपर्सन प्रीता रेड्डी ने पीटीआई- से कहा कि महामारी की वजह से देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के पारिस्थतिकी तंत्र में बड़ा बदलाव आया है.

उधर, उद्योग संगठन इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने एक फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट से पहले मोबाइल उद्योग के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती करने की अपनी मांग को फिर से दोहराया है. संगठन ने मार्च 2020 में जीएसटी में 50 प्रतिशत की वृद्धि को उद्योग के लिए एक क्रूर झटका करार दिया है, ईसीईए ने इस फैसले को त्रुटिपूर्ण बताया है.

आईसीईए के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने एक बयान में कहा, हर भारतीय के हाथ में स्मार्टफोन का लक्ष्य हासिल करने और 80 अरब डॉलर का घरेलू मोबाइल फोन बाजार सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल फोन पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करना अति आवश्यक है.

आईसीईए ने इलेक्ट्रॉनिक्स विकास के प्रमुख क्षेत्रों के लिए विभिन्न उत्कृष्टता केंद्रों (सेंटर ऑफ एक्सिलेंस) की स्थापना के लिए 500 करोड़ रुपये के बजट और मोबाइल डिजाइन सेंटर के लिए 200 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन की भी सिफारिश की. अन्य सिफारिशों के अलावा, उद्योग निकाय ने 1,000 करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए 5 प्रतिशत का ब्याज और 100 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी की मांग भी की.