Economic Survey 2019-20: इकोनॉमिक सर्वे की मुख्‍य बातें, जो हर किसी के लिए है बेहद जरुरी

आम बजट 2020-21 के आने से एक दिन पहले शुक्रवार को संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) पेश किया. इकोनॉमिक सर्वे में आगामी वित्तीय वर्ष में हालात चुनौतीपूर्ण बने रहने की संभावना जताई है. हालांकि साल 2020-21 के दौरान जीडीपी ग्रोथ 6 से 6.5 रहने का अनुमान जताया गया है.

निर्मल सीतारमण I बजट 2020 (Photo Credits: File)

Budget 2020: आम बजट 2020-21 के आने से एक दिन पहले शुक्रवार को संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) पेश किया. इकोनॉमिक सर्वे में आगामी वित्तीय वर्ष में हालात चुनौतीपूर्ण बने रहने की संभावना जताई है. हालांकि साल 2020-21 के दौरान जीडीपी ग्रोथ 6 से 6.5 रहने का अनुमान जताया गया है. साथ ही सरकार को सुधारों पर शीघ्रता से काम शुरू करने की बात कही गई है.

सरकार द्वारा शुक्रवार को संसद में पेश वित्त वर्ष 2020 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार वृद्धि दर में तेजी लाने के लिए राजकोषीय समेकन लक्ष्य को सरल बनाने की जरूरत है. आईये जानते है आर्थिक समीक्षा यानि इकोनॉमिक सर्वे की मुख्‍य बातें-

आर्थिक समीक्षा में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनने संबंधी भारत की आकांक्षा का उल्‍लेख किया गया है जो निम्‍नलिखित पर काफी निर्भर है:

जमीनी स्‍तर पर पर उद्यमिता और धन सृजन

बिजनेस अनुकूल बनाम बाजार अनुकूल

ईसीए के तहत औषधि मूल्‍य नियंत्रण

खाद्यान्‍न बाजार में सरकार के हस्‍तक्षेप

कर्ज माफी

समीक्षा के सुझाव

नेटवर्क उत्‍पादों में विशेषज्ञता के जरिए विकास और रोजगार सृजन

भारत में कारोबारी सुगमता लक्ष्‍य

विश्‍व बैंक के कारोबारी सुगमता रैंकिंग में भारत 2014 में जहां 142वें स्‍थान पर था वहीं 2019 में वह 63वें स्‍थान पर पहुंच गया.

हालांकि इसके बावजूद भारत कारोबार शुरू करने की सुगमता संपत्ति के रजिस्‍ट्रेशन, करों का भुगतान और अनुबंधों को लागू करने के पैमाने पर अभी भी काफी पीछे हैं.

समीक्षा में कई अध्‍ययनों को शामिल किया गया है:

कारोबारी सुगमता को और बेहतर बनाने के सुझाव

बैंकों के राष्‍ट्रीयकरण की स्‍वर्ण जयंती एक समीक्षा

एनबीएफसी क्षेत्र में वित्‍तीय जोखिम

आवर्ती जोखिम के मुख्य घटक

समीक्षा नैदानिक (हेल्थ स्कोर) की गणना करता है इसके लिए हाउसिंग फाइनान्स कम्पनी और रिटेल गैर-बैंकिंग रिटेल कम्पनियों की आवर्ती जोखिम की गणना की जाती है.

हेल्थ स्कोर का विश्लेषण

निजीकरण और धन सृजन

 

थालीनॉमिक्सः भारत में भोजन की थाली की अर्थव्यवस्था

2019-20 में भारत का आर्थिक प्रदर्शन

उल्लेखनीय है कि यह 2015-16 के बाद पहली बार होगा, जब बजट शनिवार को पेश किया जाएगा. फरवरी की शुरुआत में बजट पेश करने के पीछे का कारण 31 मार्च तक बजटीय प्रक्रिया को पूरा करना होता है, ताकि 12 महीने के लिए खर्च की कवायद एक अप्रैल से ही शुरू हो सके.

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