कश्मीर में ब्रॉडबैंड अगले 48 घंटो में हो सकता है शुरू, मोबाइल इंटरनेट पर लगी रहेगी पाबंदी: रिपोर्ट

केंद्र शासित राज्य जम्मू और कश्मीर ( Jammu and Kashmir) प्रशासन कश्मीर में ब्रॉडबैंड (Broadband) इंटरनेट सेवा अगले 48 घंटो में शुरू किया जा कसता है. इस दौरान मोबाइल इंटरनेट सेवा पर पाबंदी लगी रहेगी. ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा को अलग-अलग चरणों में शुरू किया जाएगा. इसके अलावा जम्मू (Jammu) में 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बहाल किया जा सकता है. प्रशासन इसे लेकर अगले 48 घंटो के भीतर इसका ऐलान भी कर सकता है. उससे पहले प्रशासन घाटी की स्थिति देखने के बाद ही अपना निर्णय लेगी. 5 अगस्त, 2019 से जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन होने के बाद प्रदेश में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी. बता दें कि घाटी में जैसे जैसे हालात सामान्य होने लगा सेवाएं फिर से शुरू होने लगी हैं.

इंटरनेट सेवा को जल्दी से बहाल किया जा सकता है ( फोटो क्रेडिट- PTI )

श्रीनगर: जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन ने ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा की अनुमति दे सकती है. यह सुविधा एजुकेशन सेंटर में शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही जम्मू क्षेत्र के जम्मू, सांबा, कठुआ और रियासी जिलों में 2जी मोबाइल इंटरनेट सेवा शुरू किया जा सकता है. 5 अगस्त, 2019 से जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन होने के बाद प्रदेश में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी. बता दें कि घाटी में जैसे जैसे हालात सामान्य होने लगा सेवाएं फिर से शुरू होने लगी हैं. वहीं कई नेताओं ने इस बात की मांग की थी कि इंटरनेट सेवा को जल्दी से बहाल किया जाना चाहिए. क्योंकि बंद होने के कारण स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के प्रशासन को निर्देश दिया था कि वह एक सप्ताह के अंदर सभी पाबंदियों की समीक्षा करें और उसे सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करे, ताकि लोग उसे अदालत में उठा सकें. घाटी में अपने कदमों के पक्ष समर्थन प्राप्त करने की कोशिश में जुटी केंद्र सरकार को कोर्ट के इस आदेश से झटका लगा है. यह भी पढ़ें:- आतंकियों के साथ कश्मीर में गिरफ्तार DSP को लेकर राजनीति गरमाई, अधीर रंजन चौधरी ने कहा-पुलवामा हमले की हो जांच

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर सरकार ने इसके विशेष राज्य होने का दर्जा खत्म कर दिया. इसके साथ की इस राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाक में विभाजित कर दिया गया. सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद घाटी में माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए ऐहतियात के तौर पर फोन और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था.

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