Black oily substance in Iril River: मणिपुर के इरिल नदी में रहस्यमय काला तैलीय पदार्थ मिलने के बाद बंद कर दिया गया बांध, निवासियों में भय का माहौल
Iril River(Photo Credits: X)

इंफाल, 8 फरवरी : मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले से गुजरने वाली इरिल नदी में बुधवार को दोलाईथाबी बांध के ऊपरी प्रवाह के पास काले पदार्थों की मौजूदगी दिखाई दी. इसके बाद इलाके के निवासियों में चिंता और भय व्याप्त है. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. अधिकारियों ने कहा कि काले पदार्थों का पता चलने के कारण बांध को बंद करना पड़ा, जो पानी की मात्रा को नियंत्रित करता है, ताकि प्रदूषित पानी को नीचे की ओर फैलने से रोका जा सके, खासकर इंफाल पूर्वी जिले के अधिकांश हिस्सों में.

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) मंत्री सुसींद्रो मेइतेई ने राज्य के अधिकारियों - उपायुक्त ख डायना, पुलिस अधीक्षक एस. इबोम्चा सिंह, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन निदेशालय के इंजीनियरों और विशेषज्ञों के साथ बुधवार को साइट का दौरा किया. अधिकारियों ने कहा कि कई स्थानों से पानी के नमूने एकत्र किए गए, जिन्हें शुरुआती जांच के लिए संबंधित प्रयोगशालाओं में भेजा गया है. यह भी पढ़ें : Bihar Politics: ‘एनडीए में ही रहूंगा और अब से ‘इधर-उधर नहीं जाऊंगा- नीतीश कुमार

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि काले रंग का पदार्थ लहर और हवा के प्रवाह के कारण एक किनारे पर जमा दिखाई दिया. शुरुआती जांच से पता चला कि सभी पैरामीटर अनुपचारित पानी के लिए अनुमेय सीमा के भीतर थे, फिर भी उन्नत प्रयोगशालाओं में आगे के परीक्षण को जरूरी समझा गया. अधिकारियों ने बांध के पास रहने वाले ग्रामीणों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध घटना की रिपोर्ट करने का आग्रह किया है.

लीतानपोकपी अवांग लीकाई के निवासियों ने नदी में काले पदार्थ देखे, चारकोल जैसे प्रदूषकों के संभावित विषाक्त प्रभावों के डर से पानी का उपयोग करना बंद कर दिया है. यह देखते हुए कि इरिल नदी का जलग्रहण क्षेत्र पड़ोसी कांगपोकपी जिले में सैकुल की पहाड़ी श्रृंखला है, निवासियों को नदी के पानी को खराब करने के लिए सैकुल में शरारती तत्वों द्वारा जानबूझकर प्रदूषण फैलाए जाने का संदेह है.

यह घटना 10 जनवरी को एक निष्क्रिय बिजली स्टेशन से निकले तेल रिसाव के बाद हुई है. उस घटना ने इंफाल पश्चिम जिले के कांटो सबल और सेकमाई गांवों में जलधाराओं को प्रभावित किया था. कथित तौर पर आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले में लीमाखोंग भारी ईंधन बिजली स्टेशन से रिसाव ने घरेलू और कृषि उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले पानी को प्रदूषित कर दिया.