भाजपा सांसद ने राहुल गांधी की लोक सभा सदस्यता समाप्त करने की मांग की- कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके सांसद ने किया राहुल का बचाव
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के मामले में भाजपा के लोक सभा सांसद निशिकांत दुबे ने आज सदन की विशेषाधिकार समिति के समक्ष पेश होकर राहुल गांधी पर आदतन विशेषाधिकार हनन करने का आरोप लगाते हुए उनकी लोक सभा सदस्यता रद्द करने की मांग की वहीं कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके सांसदों ने राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा कि उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का कोई मामला ही नहीं बनता है.
नई दिल्ली, 11 मार्च : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के मामले में भाजपा के लोक सभा सांसद निशिकांत दुबे ने आज सदन की विशेषाधिकार समिति के समक्ष पेश होकर राहुल गांधी पर आदतन विशेषाधिकार हनन करने का आरोप लगाते हुए उनकी लोक सभा सदस्यता रद्द करने की मांग की वहीं कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके सांसदों ने राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा कि उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का कोई मामला ही नहीं बनता है. राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शुक्रवार को सदन की विशेषाधिकार समिति के सामने पेश होकर 1976 में तत्कालीन राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के राज्य सभा से निष्कासन का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में भाषण देते हुए राहुल गांधी ने तीन प्रकार के विशेषाधिकार का हनन किया है और सदन में भ्रामक, अपमानजनक, असंसदीय और आपत्तिजनक आरोप लगाए हैं, इसलिए उनकी लोक सभा सदस्यता समाप्त की जानी चाहिए.
सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने यह भी कहा कि बिना पूर्व सूचना दिए और लोक सभा अध्यक्ष से पूवार्नुमति लिए बिना राहुल गांधी ने लोक सभा सांसद और सदन के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेबुनियाद और गलत आरोप लगाए. दुबे ने राहुल गांधी पर सदन में लगभग 75 बार अडानी का नाम लेने का आरोप लगाते हुए तर्क दिया कि अडानी के सौदें को लेकर भी राहुल ने गलत बयानी की है और साथ ही कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों का नाम लेकर भी संसदीय नियमों का उल्लंघन किया है. सूत्रों के मुताबिक, विशेषाधिकार समिति की बैठक में कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस और डीएमके सांसद ने भी राहुल गांधी का बचाव करते हुए तर्क दिया कि इस मामले में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का कोई मामला ही नहीं बनता है. यह भी पढ़ें : Noida: गौतमबुद्ध नगर में 500 रुपये के लिए युवक पर चाकू से किया हमला, इलाज के दौरान मौत
सूत्रों के मुताबिक, विशेषाधिकार समिति के सदस्य कांग्रेस सांसद के. सुरेश और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा कि राहुल के भाषण के कई अंश को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया है और ऐसे में अब उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का कोई मामला नहीं बनता है. बताया जा रहा है कि समिति के एक अन्य सदस्य डीएमके सांसद टीआर बालू आज बैठक में शामिल नहीं हो पाए थे लेकिन उन्होंने भी समिति को पत्र लिखकर राहुल का बचाव करते हुए कहा कि उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला नहीं बनता है. समिति में शामिल विपक्षी सांसदों के तर्कों का जवाब देते हुए भाजपा सांसद दुबे ने कहा कि राहुल गांधी के भाषण के अंश को सदन की कार्यवाही से निकाले जाने के बावजूद वह अभी भी उनके और कांग्रेस के आधिकारिक यूट्यूब चैंनल पर उपलब्ध है. उन्होंने इसे लोक सभा अध्यक्ष के अधिकार को राहुल गांधी द्वारा चुनौती देने की संज्ञा दी.
आपको बता दें कि, भाजपा सांसद सुनील सिंह लोक सभा की विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष हैं. कांग्रेस से के. सुरेश, डीएमके से टीआर बालू और टीएमसी से कल्याण बनर्जी समेत कई अन्य राजनीतिक दलों के सांसद इस समिति के सदस्य हैं. दिलीप घोष, राजू बिष्ट और राजीव प्रताप रूडी के साथ- साथ कई अन्य भाजपा सांसद भी इस समिति में शामिल हैं. आपको याद दिला दें कि, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान 7 फरवरी को विपक्ष की तरफ से बोलते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अडानी को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए थे. भाषण के दौरान राहुल गांधी द्वारा लगाए गए इन आरोपों को भ्रामक, अपमानजनक, असंसदीय और आपत्तिजनक बताते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने राहुल गांधी के खिलाफ विशेषधिकार हनन का नोटिस दिया था. जिस नोटिस पर निर्धारित संसदीय परंपरा और नियमों के अनुसार कार्रवाई करते हुए लोक सभा सचिवालय ने राहुल गांधी को नोटिस जारी कर 15 फरवरी तक जवाब देने को कहा था. राहुल गांधी द्वारा जवाब भेजे जाने के बाद समिति ने शिकायतकर्ता निशिकांत दुबे को आज समिति के सामने पेश होकर अपनी बात रखने का निर्देश दिया था. दुबे की गवाही के बाद यह माना जा रहा है कि समिति राहुल गांधी को अपने सामने पेश होकर अपने बचाव में तर्क रखने के लिए बुला सकती है.