Bihar Politics: बीजेपी नेता सुशील मोदी ने RJD को दी चुनौती, कहा- हिम्मत है तो तीन तलाक, बहु-विवाह, हिजाब का विरोध करें
बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि श्रीरामचरित मानस की निंदा करने वाले मंत्री चंद्रशेखर का बचाव करने वाले राजद में यदि हिम्मत है तो वह कुरआन की विवादास्पद आयतों और मुस्लिम समाज में प्रचलित बहु-विवाह, तीन तलाक, निकाह हलाला, हिजाब और 15 साल की रजस्वला नाबालिक बेटियों के विवाह को जायज ठहराने जैसे मुद्दों पर टिप्पणी करे.
पटना, 16 जनवरी: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि श्रीरामचरित मानस की निंदा करने वाले मंत्री चंद्रशेखर का बचाव करने वाले राजद में यदि हिम्मत है तो वह कुरआन की विवादास्पद आयतों और मुस्लिम समाज में प्रचलित बहु-विवाह, तीन तलाक, निकाह हलाला, हिजाब और 15 साल की रजस्वला नाबालिक बेटियों के विवाह को जायज ठहराने जैसे मुद्दों पर टिप्पणी करे. मोदी ने सोमवार को सवाल करते हर कहा कि राजद बताये कि वह सभी भारतीय नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता के विरुद्ध क्यों है, जबकि बाबा साहब रचित संविधान में इस संहिता को लागू करने का मतव्य दिया गया है?
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सभी धर्मों की लड़कियों के लिए विवाह की वैधानिक आयु समान रखने के पक्ष में है, लेकिन लालू प्रसाद की पार्टी नाबालिग मुस्लिम लड़कियों की शादी के मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दकियानूसी राय के साथ क्यों खड़ी है? यह भी पढ़े: Bihar Politics: सुशिल मोदी ने खोला नीतीश कुमार का बड़ा राज, बताया क्यों JDU नेता ने छोड़ा बीजेपी का साथ
उन्होंने कहा कि फौरी तीन तलाक को अवैध घोषित करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजद ने चुप्पी क्यों साध ली? मोदी ने कहा कि राजद वोट बैंक के लिए तीन तलाक का समर्थन करता है और इसी मंशा से मुस्लिम महिलाओं के लैंगिक समानता के अधिकार का विरोध करता है.
उन्होंने कहा कि राजद मुस्लिम समाज की भावनाओं के आगे घुटने टेक कर उनकी मध्यकालीन कुरीतियों तक का विरोध नहीं करता, जबकि राम मंदिर और हिंदू धर्मग्रंथ के विरुद्ध जहर उगलने वाले जगदानंद और चंद्रशेखर का बचाव करता है.
मोदी ने कहा कि जब भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी से एक समुदाय की भावनाएं आहत हुईं, तब पार्टी ने तुरंत उनके खिलाफ कार्रवाई की थी। अब तेजस्वी यादव बतायें कि मानस-निंदक चंद्रशेखर के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या राजद के लिए बहुसंखयक हिंदुओं की भावनाओं का कोई मोल नहीं है?