बिहार: आंध्र और बंगाल से आने वाली मछली पर रोक, बिक्री करते पकड़े गए तो 7 साल जेल और 10 लाख जुर्माना

बिहार में आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल की मछलियों की बिक्री पर रोक लगा दी गई है.

बिहार में आंध्र और बंगाल से आने वाली मछली पर रोक (प्रतीकात्मक तस्वीर) (Photo Credit: Pixabay)

बिहार (Bihar) में आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मछलियों की बिक्री (Sale of Fish) पर रोक लगा दी गई है. स्वास्थ्य विभाग ने अगले 15 दिनों तक मछली की बिक्री पर रोक लगाई है. फिलहाल, यह रोक पटना (Patna) में रहेगी. बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सोमवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले दिनों आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल से बिक्री के लिए आईं मछलियों के नमूनों की जांच की गई थी. जांच में ये मछलियां खाने योग्य नहीं पाई गई थीं. ऐसी स्थिति में यह रोक लगाई गई है. उन्होंने बताया कि पटना के 10 अलग-अलग स्थानों से मछली के नमूने लेकर कोलकाता (Kolkata) की एक लैब में जांच के लिए भेजे गए थे. इस जांच में 10 में से सात मामलों में फर्मेलिन (Formalin) और अन्य हानिकारक तत्व पाए गए थे.

उन्होंने कहा कि फिलहाल यह रोक केवल पटना में 15 दिनों के लिए लगाई गई है, और उसके बाद स्वास्थ्य विभाग आगे का निर्णय लेगा. उन्होंने कहा कि इन दो राज्यों से आने वाली मछलियों के भंडारण और परिवहन पर भी रोक लगाई गई है. अगर सोमवार से पटना नगर निगम क्षेत्र में कोई मछली बेचते पकड़ा जाता है तो उसे सात साल की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है. उन्होंने कहा कि इसके लिए पटना जिलाधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिया है. इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा. यह भी पढ़ें- जाधवपुर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने फेसबुक पर लिखा- 'सील बोतल की तरह होती हैं वर्जिन लड़कियां', हो रहा विवाद

सूत्रों के अनुसार, फार्मेलिन का शरीर में पहुंचना बहुत हानिकारक है. इसके असर से पाचन क्रिया में गड़बड़ी आ जाती है और पेट दर्द से लेकर डायरिया की समस्या पैदा होती है. इससे किडनी और लीवर की गंभीर बीमारियों समेत कैंसर का भी खतरा होता है. मछली को सड़ने से बचाने के लिए भी फार्मेलिन का इस्तेमाल होता है. मछलियों को ताजा रखने के लिए व्यवसायी रासायनिक पदार्थ फार्मेलिन का लेप लगा देते हैं.

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