बिहार में RTI एक्टिविस्ट की गोली मार कर हत्या, पुलिस जांच में जुटी
आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या को लेकर सिकंदरा के थाना प्रभारी प्रमोद कुमार ने बताया कि घटना के बाद पुलिस पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है
पटना ,बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र में रविवार रात अज्ञात बदमाशों ने आरटीआई कार्यकर्ता सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस के अनुसार, जमुई के बिछवे गांव के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता वाल्मीकी यादव (35) अपने दोस्त धर्मेंद्र यादव (30) के साथ रविवार रात अपनी बाइक से सिकंदरा से गांव लौट रहे थे, तभी बिछवे गांव के पास घात लगाए अपराधियों ने दोनों को गोली मार दी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि गोली लगने से वाल्मीकी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि धर्मेंद्र ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.
वाल्मीकि के परिजनों के अनुसार, वे इन दिनों आंगनबाड़ी में अनियमितता को उजागर करने में लगे थे. परिवार वालो के अनुसार आरटीआई से लोगो की पोल ना खुल जिसको लेकर वाल्मीकि को जान से मरने को लेकर धमकियां आ रही थी.
आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या को लेकर सिकंदरा के थाना प्रभारी प्रमोद कुमार ने बताया कि घटना के बाद पुलिस पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है. उन्होंने इस घटना को सुनियोजित बताते हुए कहा कि इस मामले में तीन से चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
तीन महीने में तीन कार्यकर्ताओं की हत्या
रविवार की हालिया घटना के बाद पिछले तीन महीने में आरटीआई कार्यकर्ता की यह तीसरी हत्या है. पिछले महीने 19 जून को मोतिहारी में आरटीआई कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह को गोली मारी गई थी. अस्पताल ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई थी. पुलिस छानबीन में पता चला कि आरटीआई कार्यकर्ता होने के नाते राजेंद्र सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत कई घोटालों का पर्दाफाश किया था.
इससे पहले अप्रैल महीने में वैशाली जिले के गोरौल थाना क्षेत्र में एक घटना हुई जिसमें आरटीआई कार्यकर्ता जयंत कुमार को मार दी गई. जयंत कुमार की मौके पर ही मौत हो गई थी. जयंत कुमार ने गोरौल के पूर्व थानाध्यक्ष, पुलिसकर्मियों समेत कई नेताओं के खिलाफ आरटीआई के तहत सबूत जुटाए थे.बिहार में आरटीआई कार्यक्रताओ के होने वाले इन हत्याओ को लेकर लोगो में काफी रोष है।