पटना: बिहार में जातीय जनगणना को लेकर प्रारंभ सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अब जातीय जनगणना कराए जाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया है. राजद जातीय जनगणना कराए जाने सहित अन्य मांगों को लेकर सात अगस्त को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन करेगी.
राजद के महासचिव आलोक कुमार मेहता ने सोमवार को बताया कि पार्टी के नेता तेजस्वी यादव के आह्वान पर तथा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के निर्देश पर निर्णय लिया गया है कि सात अगस्त को राज्य के सभी जिला मुख्यालययों की सड़कों पर जातीय जनगणना कराने, आरक्षित कोटे से बैकलॉग के लाखों रिक्त पदों को भरने तथा मंडल आयोग की शेष सभी अनुशंसाओं को लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा. यह भी पढ़े: केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने देश में जातीय आधार पर जनगणना करने की मांग की
प्रदर्शन कि बाद जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इन मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा.मेहता ने कहा कि इसकी सूचना सभी सांसदों, विधायकों, सभी जिलाध्यक्षों और पार्टी के अन्य अधिकारियों को भेज दी गई है.
उल्लेखनीय है कि राज्य में जीतीय जनगणना को लेकर सियासत गर्म है। इस मामले को लेकर राज्य में सत्तारूढ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जनता दल (युनाइटेड) ने भी राजद के समर्थन में है। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में हुई बैठक में इस संबंध का प्रस्ताव पास किया गया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जातीय जनगणना को लेकर पहले ही कह चुके हैं कि जातीय जनगणना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर जनगणना एक बार तो की ही जानी चाहिए। इससे सरकार को दलितों के अलावा अन्य गरीबों की पहचान करने और उनके कल्याण के लिए योजनाएं बनाने में सुविधा होगी. उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर पुनर्विचार करने का भी अनुरोध किया है। बिहार राजग में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा भी जातीय जनगणना कराने की जदयू की मांग का समर्थन कर चुकी है.