Bihar Lockdown: बिहार में 'संपूर्ण बंदी' को लेकर राजग में बढ़ा तकरार
लॉकडाउन | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo: PTI)

पटना, 27 अप्रैल : बिहार (Bihar) में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को रोकने को लेकर राज्य में 'संपूर्ण बंदी' के प्रश्न पर सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शुरू हुई तकरार अब और बढ़ते जा रही है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां पहले से ही शुक्रवार से सोमवार तक बंदी करने के पक्ष में खड़ी दिख रही है, वहीं जदयू इसके विरोध में खड़ी है. राजग में शामिल हिंदुस्तानी अवाम पार्टी (Hindustani Awam Party) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने भी मंगलवार को लॉकडाउन (Lockdown) को लेकर शर्त रख दी है. बिहार में सर्वदलीय बैठक के बाद कोरोना के संक्रमण को रेाकने को लेकर राज्य भर में नाइट कर्फ्यू लगाया गया है.

नाइट कर्फ्यू लगाए जाने के बाद भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इस फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि "रात का कर्फ्यू लगाने से कोरोना वायरस का प्रसार कैसे बंद होगा, यह समझने मंे मैं असमर्थ हूं. अगर कोरोना वायरस के प्रसार को वाकई रोकना है, तो हमें हर हालत में शुक्रवार शाम से लेकर सोमवार सुबह तक की बंदी करनी ही होगी." इसके बाद मंत्री रामसूरत राय ने भी बिहार में बढ़ते कोरोना के मामले को रोकने के लिए राज्य में लॉकडाउन लगाए जाने की बात कह चुके हैं.

इधर, जदयू के नेता और सांसद ललन सिंह ने साफ कहा कि बिहार में लॉकडाउन की मांग करने वाले नेता अखबारी हैं और केवल सुर्खियों में रहने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार खुद हर बात पर नजर रख रहे हैं और उसकी लगातार समीक्षा भी कर रहे हैं. यदि जरूरत होगी तो लॉकडाउन भी लगाया जाएगा, लेकिन अभी बिहार में ऐसी स्थिति नहीं है." जाहिर है उनका निशाना सीधे भाजपा अध्यक्ष ही थे. ललन सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास माने जाते हैं. यह भी पढ़ें : दिल्ली के लगभग सभी आईसीयू बेड भरे हैं, 1200 और ICU बेड तैयार किए जा रहे हैं-अरविंद केजरीवाल

वहीं, जदयू के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश के खास माने जाने वाले जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी ट्वीट कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को नसीहत दी कि "यह राजनीति का वक्त नहीं है". इधर, लॉकडाउन को लेकर राजग में प्रारंभ बयानबाजी के बीच मंगलवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी कूद गए. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख मांझी ने लॉकडाउन को लेकर बड़ी शर्त रखते हुए कहा, "मैं लॉकडाउन का समर्थन करूंगा, यदि तीन महीने तक सबका बिजली बिल, पानी बिल, स्कूल, कॉलेजों की फीस माफ कर दिया जाए, किराएदारों का किराया, बैंक लोन ईएमआई माफ कर दिया जाए. किसी को शौक नहीं होता जान जोखिम में डालकर बाहर जाना पर 'रोटी' और 'कर्ज' जो ना कराए. ये बात एसी वाले लोग नहीं समझेंगे."

मांझी के इस बयान को भाजपा के अध्यक्ष पर ही कटाक्ष माना जा रहा है. ऐसे में तय माना जा रहा है कि भाजपा के नेता भी इस बयान पर पलटवार करेंगे. इधर, राजनीतिक बयानबाजी के बीच कोरोना का कहर राज्य में जारी है. प्रतिदिन सक्रिय मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है. राज्य में कोरोना संक्रमण के सोमवार को 11,801 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में कोरोना के एक्टिव (सक्रिय) मरीजों की संख्या बढकर 89,660 तक पहुंच गई है. पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में 67 संक्रमितों की मौत हो गई है.