बिहार विधानसभा चुनाव 2020: दिल्ली की हार के बाद क्या बीजेपी बदलेगी अपनी रणनीति? आक्रामक हिंदुत्व से नीतीश कुमार को हो सकता है परहेज
पीएम मोदी और नीतीश कुमार (Photo Credits: PTI)

पटना:- दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बीजेपी में इस वक्त मंथन का दौर शुरू है. बीजेपी आलाकमान समझ नहीं पा रहे हैं की कैसे देश की एक बड़ी पार्टी होने के बाद भी क्षेत्रीय पार्टी से शिकस्त खा गई. वैसे बीजेपी के लिए हार का यह सिलसिला 2018 से शुरू हो गया था. बीजेपी के हाथों से मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड समेत महाराष्ट्र जैसे कुल 5 राज्य निकल गए. दिल्ली में पार्टी की ओर से बहुत आक्रामक प्रचार किया गया था और उम्मीद की जा रही थी की राजधानी में कमल खिलेगा मगर ऐसा हुआ नहीं. पार्टी दो डिजिट में भी नहीं आ सकी. अब सवाल उठता है कि आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए बीजेपी किस रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी. अब तक के चुनाव में बीजेपी हिंदुत्व का मुद्दा लेकर जा रही है. मंदिर, पाकिस्तान पर ज्यादा फोकस होता है.  मगर बिहार में शायद उन्हें ये स्टैंड बदलना पड़े क्योंकि वहां पार्टी का नीतीश कुमार की JDU के साथ चुनावी रण में उतरना लगभग तय है.

अब सवाल उठ रहा है कि बीजेपी और जनता दल यूनाटेड एक साथ मिलकर किन प्रमुख मुद्दों को लेकर बिहार की जनता से विधानसभा चुनाव में वोट मांगेगी. क्योंकि बीजेपी जहां हिंदुत्व के मुद्दे पर अडिग रही है. तो वहीं नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं. इसलिए उनकी छवि एक सेकुलर नेता के तौर पर भी बनी हुई है. JDU को अबतक मुसलमानों का साथ मिलता रहा है.

अब जीत के लिए क्या बीजेपी और नीतीश की पार्टी एक ही मुद्दे पर जनता से वोट मांगेगी या फिर दोनों अपने-अपने एजेंडे के साथ जनता को लुभाने की कोशिश करेंगे. वैसे मोदी लहर के समय बीजेपी बिहार में दम तो भर रही थी. लेकिन लगातार मिली हार से पार्टी के मनोबल पर भी इसका असर पड़ सकता है. क्योंकि नीतीश कुमार बिहार में एकछत्र शासन कर रहे हैं.

विपक्ष अपने तेवर में...

नीतीश कुमार और पीएम मोदी के सामने एक बड़ी चुनौती विपक्ष से भी है. आरजेडी और कांग्रेस दोनों पार्टियां इस बार बिहार में दो-दो हाथ करने की तैयारियां शुरू कर दी है. इन दिनों नीतीश बाबू और आरजेडी दोनों में पोस्टर वॉर जारी है.

वहीं नीतीश ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को भी पार्टी से बाहर का रस्ता दिखा है. जिसके बाद प्रशांत किशोर भी नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं. ऐसे में जीत के लिए नीतीश कुमार की राह भी आसान नहीं है.

बता दें कि इस साल के अंत में बिहार में चुनाव होने है. 2015 चुनावों में नीतीश कुमार ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. इस महागठबंधन के चलते बीजेपी को करारी शिकस्त मिली थी. बीजेपी ने LJP और RLSP के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था.