बिहार में एक्यूट इनसेफेलाइटिस सिंड्रोम ( चमकी बुखार) का कहर जारी है. खबरों के मुताबिक इस बुखार की चपेट में आने से आब तक तकरीबन 140 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं चमकी बुखार का खौफ इतना ज्यादा है कि लोग अब डर के मारे अपना घर छोड़ने पर मजबूर होन पड़ रहा है. वहीं बीमारी को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने के लिए बिहार सरकार को निर्देश दिए जाने की मांग को लेकर बुधवार को पटना हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई. याचिकाकर्ता ने ‘चमकी बुखार’ की रोकथाम में अपने कर्तव्य के निर्वहन में शिथिलता के दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ कठोर कानूनी कदम उठाने के लिए प्रतिवादी अधिकारियों को निर्देश देने का भी अनुरोध किया है.
बता दें कि बिहार (Bihar) में चमकी बुखार का कहर मौत बनकर टूट रहा है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मौतों का सिलसिला शुरू होने के 20 दिन बाद मंगलवार को मुजफ्फरपुर का दौरा किया था. जहां उन्हें जनता के गुस्से का शिकार होना पड़ा था. लोगों ने सरकारी लचर व्यवस्था के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की थी.
Bihar: Death toll due to Acute Encephalitis Syndrome (AES) rises to 117 in Muzaffarpur. 98 deaths at SKMCH & 19 deaths at Kejriwal hospital. pic.twitter.com/rCH9JxpDKb
— ANI (@ANI) June 20, 2019
बिहार के सबसे प्रभावित जिले पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर, पश्चिमी चंपारण का नाम शामिल है.
चमकी बुखार के लक्षण:
तेज बुखार और शरीर में ऐंठन.
बेहोशी की हालत.
चिड़चिड़ेपन की शिकायत.
भ्रम की स्थिति उत्पन्न होना.
दिमाग का असंतुलित होना.
मांसपेशियों में कमजोरी.
बोलने व सुनने में परेशानी.
पैरालाइज हो जाना.
गौरतलब हो कि इस मौसम में पिछले दो दशकों से यह बीमारी मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) सहित राज्य के कई इलाकों में होती है, जिसके कारण अब तक कई बच्चे असमय काल के गाल में समा चुके हैं. परंतु अब तक सरकार इस बीमारी से लड़ने के कारगर उपाय नहीं ढूढ़ पाई है.