Shiv Sena Symbol War: EC का बड़ा फैसला, अंधेरी पूर्व उपचुनाव में शिंदे-उद्धव गुट दोनों को नहीं मिली 'धनुष और तीर' के उपयोग करने की अनुमति
उद्धव ठाकरे गुट ने कई मौकों पर आयोग को पत्र लिखकर दावा किया था कि पार्टी के कुछ सदस्य पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे. इसने शिंदे गुट द्वारा 'शिवसेना' या 'बाला साहब' नामों का उपयोग करके किसी भी राजनीतिक दल की स्थापना पर भी आपत्ति जताई थी.
Shiv Sena Symbol War: शिवसेना के दोनों पक्षों द्वारा जारी 'धनुष और तीर' के दावे पर विराम लगते हुए. भारतीय चुनाव आयोग ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए बताया है कि अंधेरी पूर्व उपचुनाव में दोनों समूहों में से किसी को भी "शिवसेना" के लिए आरक्षित चुनाव चिह्न "धनुष और तीर" के प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी गयी है. यह भी पढ़ें: केजरीवाल का बड़ा आरोप, कहा- उपराज्यपाल के जरिए बीजेपी दिल्लीवालों की जिंदगी तबाह करने पर तुली है
वहीं इससे पहले चुनाव आयोग ने दोनों धड़ों उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे को शिवसेना में बहुमत होने के अपने दावे को साबित करने के लिए दस्तावेजी सबूत पेश करने को कहा था. जिसके बाद दोनों गुटों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी पर दावा पेश किया है. उद्धव ठाकरे गुट ने कई मौकों पर आयोग को पत्र लिखकर दावा किया था कि पार्टी के कुछ सदस्य पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे. इसने शिंदे गुट द्वारा 'शिवसेना' या 'बाला साहब' नामों का उपयोग करके किसी भी राजनीतिक दल की स्थापना पर भी आपत्ति जताई थी.
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वहीं शिंदे ने चुनाव आयोग को यह भी बताया है कि 55 में से 40 विधायक, विभिन्न एमएलसी और 18 में से 12 सांसद उनके साथ हैं. जब दो गुट एक ही चुनाव चिह्न् पर दावा पेश करते हैं, तो चुनाव आयोग सबसे पहले पार्टी के संगठन और उसके विधायिका विंग के भीतर प्रत्येक गुट के समर्थन की जांच करता है
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