Farmers Agitation: गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को समर्थन देने पहुंचे भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर
कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न राज्यों के कई किसान और किसान संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं, पंजाब-हरियाणा और यूपी के किसान विरोध कर लगातार आंदोलन छेड़े हुए हैं. भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद इन किसानों का समर्थन करने के लिए पहुंचे हैं.
गाजीपुर बॉर्डर, 1 दिसम्बर : कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न राज्यों के कई किसान और किसान संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं, पंजाब-हरियाणा और यूपी के किसान विरोध कर लगातार आंदोलन छेड़े हुए हैं. भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद इन किसानों का समर्थन करने के लिए पहुंचे हैं. चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि, "किसान की हक की लड़ाई में समर्थन देने आया हूं, वहीं किसान खुद को अकेला महसूस न करें, इसलिए मौजूद हूं. किसान, दलित मजदूर सब एक ही हैं. किसान के घर खेती नहीं होगी, तो मजदूर का घर कैसे चलेगा. मैं मजदूरों के सबसे बड़े वर्ग से आता हूं. मैं इस आंदोलन को कैसे छोड़ सकता हूं."
"मैं इस आंदोलन को लीड करने नहीं आया हूं, बस इस आंदोलन में साथ देने आया हूं. किसान खुशी से सड़कों पर नहीं आए हैं."
यह भी पढ़ें : Farmers Protest: आप नेता सौरभ भारद्वाज बोले-किसान पूरी तैयारी के साथ आए हैं, तीनों कानूनों को वापस कराकर ही जाएंगे
"सरकार 6 दिन बाद ही क्यों बात कर रही है. सरकार दलितों की ताकत को भी जानती है. मेरे यहां आने की जरूरत नहीं पड़ती, अगर सरकार पहले दिन ही बात चीत कर लेती. सर्दियों में किसान सड़कों पर बैठे हुए हैं, आंसू गैस के गोले के छोड़े गए, पानी फेंका गया, किसान की बदौलत ही हर कोई अन्न खाता है."
"सरकार तानाशाह है और वो किसानों के बारे में भी जानती है ये तैयार होकर आये हैं, सरकार को किसानों की बात माननी होगी."टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने अपना डेरा बनाया हुआ है. दरअसल केंद्र सरकार सितंबर महीने में 3 नए कृषि विधेयक लाई थी, जिन पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद वे कानून बन चुके हैं. जिसके खिलाफ किसानों का ये आंदोलन छिड़ा हुआ है.
यह भी पढ़ें : देश की खबरें | अदालत ने दिल्ली सरकार से इस्तेमाल की जा चुकी कोविड जांच किट के निपटान के प्रोटोकॉल के बारे में पूछा
देश के करीब 500 अलग-अलग संगठनों ने मिलकर संयुक्त किसान मोर्चे का गठन किया है. वहीं इन सभी संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर डेरा जमा रखा है.