Bhawanipur By-Election: कैलाश विजयवर्गीय बोले- निष्पक्ष चुनाव की बिल्कुल भी संभावना नहीं, वोटरों को डराया-धमकाया जाएगा, पोलिंग बूथ पर होंगे कब्जे
Bhawanipur By-Election: बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (BJP Leader Kailash Vijayvargiya) ने पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट (West Bengal Bhawanipur By-Election 2021) पर हो रहे उपचुनाव को लेकर है कि एक प्रतिशत भी इस बात की संभावना नहीं है कि यहां निष्पक्ष चुनाव हों.
Bhawanipur By-Election: बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (BJP Leader Kailash Vijayvargiya) ने पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट (West Bengal Bhawanipur By-Election 2021) पर हो रहे उपचुनाव को लेकर है कि एक प्रतिशत भी इस बात की संभावना नहीं है कि यहां निष्पक्ष चुनाव हों. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यहां के हर एक पोलिंग बूथ को कैप्चर कर लिया जाएगा. मतदाताओं को डराया धमकाया जाएगा. इन सब बातों के लिए उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा. यह भी पढ़ें: भवानीपुर उपचुनाव प्रचार के आखिरी दिन बंदूकें लहराईं, दिलीप घोष को तृणमूल समर्थकों ने घेरा
मीडिया से बातचीत करते हुए बीजेपी महासचिव कैलाश वियजवर्गीय ने कहा कि, बंगाल में इस वक्त साफ-सुथरे इलेक्शन को लेकर बातें सोचना एकदम गलत है, यहां निष्पक्ष चुनाव होने की संभावना एक प्रतिशत भी नहीं है. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, यहां पोलिंग बूथ पर कब्जे होंगे, मतदाताओं को धमकाया जाएगा, उन्हें डराया जाएगा, यहां चुनाव पर कब्जा करने वाला काम होगा, जो हालात इस वक्त यहां है उस हिसाब से यहां कुछ भी सही हो ही नहीं सकता है.'
दिलीप घोष की बात को सही ठहराते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 'उन्होंने जो बोला है वो सही कहा है, यहां चुनाव निष्पक्ष होने की कोई भी संभावना नहीं है.' बता दें कि पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार खत्म हो चुके हैं, अब 30 सितंबर को वोटिंग होनी है. इस सीट पर सीधा मुकाबला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीजेपी की प्रियंका टिबरेवाल के बीच है.
बता दें कि बीते दिन दिलीप घोष भवानीपुर चुनावी प्रचार के लिए अपने काफिले के साथ पहुंचे थे लेकिन टीएमसी कार्यकर्ताओं ने इस दौरान जमकर बदसलूकी और धक्कामुक्की की थी. इस दौरान दिलीप घोषक के सुरक्षाकर्मी ने बीच-बचाव के लिए बंदूक भी तान दी थी. लेकिन हालात काबू नहीं हो सके. अंत में दिलीप घोष को वापस जाना पड़ा था.