Farmers Protest: दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई हिंसा के बाद पुलिस किसान नेताओं के साथ ही उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद कार्रवाई की तैयारी में हैं. क्योंकि दिल्ली में मंगवार को हुई हिंसा में करीब 300 से ज्पुयादा पुलिस वालों के घायल होने के साथ ही संपत्ति का नुकसान हुआ हैं. इस बीच देश की राजधानी दिल्ली में कल जो भी हुआ उसके बाद किसान संगठना में भी दरार पड़ गई है. अब से कुछ समय पहले किसान नेता वीएम सिंह (VM Singh) ने आंदोलन से अलग होने को लेकर ऐलान किया. वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने भी अपने को किसान आंदोलन से लग कर लिया है.
किसान आंदोलन से अपने को अलग करते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता मुखिया ठाकुर भानु प्रताप सिंह (Thakur Bhanu Pratap Singh) ने कहा कि जो आरोपी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो. उन्होंने चिल्ला बॉर्डर से धरना खत्म करने की घोषणा की हैं. हालांकि भाकियू के भानु गुट को संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले ही अपने आंदोलन से अलग कर दिया था क्योंकि इसने शुरुआत में ही सरकार के मंत्रियों से मिलने के बाद आंदोलन खत्म करने की बात कही थी. यह भी पढ़े: Farmers Protest: किसान नेता वीएम सिंह का बड़ा ऐलान-आंदोलन से हमारा संगठन हो रहा है अलग, राकेश टिकैत पर लगाया ये बड़ा आरोप
दिल्ली हिंसा के बाद इस पर राजनीति भी शुरू हो गई हैं. विपक्षी पार्टियों का जहां आरोप है कि केंद्र सरकार के लापरवाह रवैये के चलते यह हिंसा हुई. कानूनों व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी सरकार पर ठीक. लेकिन सरकार इसमें असफल हुई. वहीं सरकार की तरफ से विपक्ष में खासकर कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी के ऊपर आरोप लगाया जा रहा है. दिल्ली में टैक्टर रैली के दौरान जो भी हुआ. उसके लिए राहुल गांधी जिम्म्मेदार हैं. क्योंकि वे कृषि कानून को लाकर किसानों को भड़काया है.