बेतिया गैंगरेप: एडीजी हेडक्वार्टर जितेंद्र कुमार ने दी सफाई, बताया पूरा मामला
एडीजी हेडक्वार्टर जितेंद्र कुमार (Photo Credits: ANI)

बिहार (Bihar) के बेतिया (Bettiah) में लड़की के साथ हुए कथित गैंगरेप के मामले में एडीजी हेडक्वार्टर जितेंद्र कुमार ने मंगलवार को कहा कि ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई हैं कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद पीड़िता को शेल्टर होम से रिहा कर दिया गया था और इस सब के बीच यह घटना घटी. उन्होंने कहा कि यह बिलकुल झूठ है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है. उन्होंने कहा कि पीड़िता मई 2018 में मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर मिली थी और फिर उसे मुजफ्फरपुर शेल्टर होम (Muzaffarpur Shelter Home) में सात दिनों के लिए रखा गया था. इसके बाद उसे मोकामा (Mokama) शिफ्ट कर दिया गया और वो वहां डेढ़ महीने तक रही. जुलाई 2018 में उसे रिहा कर दिया गया था और उसके बाद से वह अपने परिवार के साथ रह रही थी.

एडीजी हेडक्वार्टर जितेंद्र कुमार ने कहा कि मामले में चार आरोपियों को नामजद किया गया था. उनमें से तीन को कल ही गिरफ्तार कर लिया गया था और अब एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने हमें एक और आरोपी का नाम दिया है, उसकी भी गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं. एडीजी हेडक्वार्टर जितेंद्र कुमार ने बताया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपी और पीड़ित एक-दूसरे को जानते थे. मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता नाबालिग है. उसकी उम्र 15-17 साल के बीच है. यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर शेल्टर होम: SC का बिहार सरकार को आदेश, परिवार को सौंपी जाएं 8 पीड़ित लड़कियां.

गौरतलब है कि पीड़िता से पिछले सप्ताह पश्चिम चंपारण के बेतिया शहर में एक चलती कार में कथित रूप से चार व्यक्तियों ने गैंगरेप किया था. इससे पहले पुलिस ने कहा था कि लड़की ने बिहार के बेतिया नगर पुलिस थाने में दर्ज करायी गई अपनी शिकायत में कहा है कि चार लागों ने उसे जबर्दस्ती उस समय अपने वाहन में खींच लिया, जब वह क्षेत्र से गुजर रही थी और उससे वाहन में रेप किया. हालांकि, पश्चिमी चंपारण (बिहार) जिले के पुलिस अधीक्षक जयंतकांत ने बताया कि मामले में आई मेडिकल जांच रिपोर्ट में पीड़िता को किसी बाहरी और अंदरूनी जख्म की पुष्टि नहीं हुई है.