अनुसूचित जाति के मेधावी छात्रों के लिए ‘श्रेष्ठ’ येाजना शुरू की जा रही : सरकार
केंद्र ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) के मेधावी विद्यार्थियों को बेहतरीन स्कूलों में उत्कृष्ट शिक्षा मुहैया कराने के लिए ‘श्रेष्ठ’ नामक योजना शुरू कर रही है जिसके तहत पढ़ाई का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.
नयी दिल्ली, 17 मार्च : केंद्र सरकार (central government) ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) के मेधावी विद्यार्थियों को बेहतरीन स्कूलों में उत्कृष्ट शिक्षा मुहैया कराने के लिए ‘श्रेष्ठ’ नामक योजना शुरू कर रही है जिसके तहत पढ़ाई का खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता (Social Justice and Empowerment) राज्य मंत्री रतनलाल कटारिया ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. कटारिया ने कहा कि सरकार मेधावी एससी विद्यार्थियों को सर्वोत्तम स्कूलों में कक्षा नौ से 12 तक उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के लिए ‘लक्षित क्षेत्र में हाई स्कूल में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा संबंधी स्कीम’ (श्रेष्ठ) शुरू करने जा रही है. इस स्कीम के तहत उनकी शिक्षा की लागत वहन की जाएगी.
उन्होंने कहा कि सरकार ने एससी युवाओं के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति स्कीम को पूरी तरह से सुदृढ किया है और इस स्कीम के तहत वित्तपोषण पद्धति में बदलाव किया गया है. उन्होंने कहा कि पहले के प्रतिबद्धता देनदारी फार्मूले में बदलाव लाकर इसे केंद्र व राज्यों के बीच 60 और 40 के अनुपात में निर्धारित किया है. पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए यह अनुपात 90 और 10 का होगा.
कटारिया ने कहा कि इस स्कीम में भारत सरकार की प्रतिबद्धता लगभग चार गुना बढ़ जाएगी. यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्रियों से बोले पीएम मोदी- जनता को बिना पैनिक किए COVID-19 पर करें प्रहार, ‘सेकंड पीक’ रोकने के लिए तत्काल लें एक्शन
उन्होंने कहा कि 2025-26 तक इस स्कीम के लिए केंद्र सरकार द्वारा 35,534 करोड़ रुपये की राशि की प्रतिबद्धता जतायी गयी है. उन्होंने कहा कि एक अनुमान के तहत करीब चार करोड़ छात्रों को इससे फायदा होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2021-22 के लिए सालाना बजट में 1,26,259 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो पिछले साल की अपेक्षा करीब 52 प्रतिशत अधिक है.