बेंगलुरु से एक चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड मामला सामने आया है, जिसमें सीवी रमण नगर की रहने वाली एक महिला से 3.75 करोड़ रुपये की ठगी की गई. यह घटना तब हुई जब महिला ने यूट्यूब पर एक AI से तैयार किया गया वीडियो देखा, जिसमें आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु को एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का प्रचार करते हुए दिखाया गया था. महिला को डीपफेक तकनीक के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और उसने वीडियो को असली मान लिया.
यूट्यूब लिंक पर क्लिक करना पड़ा भारी
FIR के अनुसार, पीड़िता वर्षा गुप्ता 25 फरवरी 2025 को यूट्यूब पर वीडियो देख रही थीं. इस दौरान उन्हें एक क्लिप मिली, जिसमें सद्गुरु के नाम पर एक लिंक शेयर किया गया था. वीडियो में दावा किया गया कि केवल 250 डॉलर का निवेश करके भारी मुनाफा कमाया जा सकता है. भरोसा करते हुए वर्षा ने लिंक पर क्लिक किया और यही से उनकी ठगी की कहानी शुरू हुई.
लिंक पर क्लिक करने के बाद वर्षा से एक व्यक्ति ने संपर्क किया, जिसने खुद को मिरॉक्स ऐप का प्रतिनिधि बताया. उसका नाम वलीद बी था. उसने विदेशी फोन नंबरों और ईमेल आईडी के माध्यम से वर्षा से बात की और उन्हें मिरॉक्स ऐप डाउनलोड करने को कहा. इसके बाद वलीद ने जूम मीटिंग्स के जरिए उन्हें ट्रेडिंग के बारे में समझाना शुरू किया. जब वलीद उपलब्ध नहीं होता, तो माइकल सी नाम का दूसरा व्यक्ति उन्हें मार्गदर्शन देता है.
करोड़ों रुपये का नुकसान
फरवरी से अप्रैल 2025 के बीच, वर्षा ने अपने बैंक खातों और क्रेडिट कार्ड्स से कुल 3.75 करोड़ रुपये उन खातों में ट्रांसफर कर दिए, जिनकी जानकारी उन्हें फ्रॉडस्टर्स ने दी थी. पैसे ट्रांसफर होने के बाद जब उन्हें कोई मुनाफा नहीं मिला, तब जाकर उन्हें धोखे का अहसास हुआ.
पुलिस जांच और सतर्कता की अपील
पुलिस का मानना है कि यह एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध रैकेट का हिस्सा हो सकता है. मामले की सभी पहलुओं से जांच जारी है. अधिकारियों ने आम जनता को चेतावनी दी है कि किसी भी ऑनलाइन निवेश लिंक या वीडियो पर आंख मूंदकर भरोसा न करें, खासकर जब वह किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के नाम से हो.













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