Bengaluru Stampede: RCB और बेंगलुरु पुलिस पर होगा एक्शन, कर्नाटक सरकार ने जांच पैनल रिपोर्ट को दी मंजूरी
इस कार्यक्रम के लिए आयोजकों ने न तो प्रशासन से अनुमति ली थी, और न ही सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए थे. भीड़ की संभावना होने के बावजूद कार्यक्रम को जबरन कराया गया, जबकि उसी समय स्टेडियम के बाहर भगदड़ की खबरें आने लगी थीं.
बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई दुखद भगदड़ (Bengaluru Stampede) की न्यायिक जांच रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है. इस हादसे में 11 लोगों की जान गई थी और कई घायल हुए थे. अब इस मामले में RCB (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर), इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA, कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) और बेंगलुरु पुलिस पर बड़ी कार्रवाई होने जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, आरसीबी द्वारा IPL 2025 जीतने के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक भव्य जश्न आयोजित किया गया था.
इस कार्यक्रम के लिए आयोजकों ने न तो प्रशासन से अनुमति ली थी, और न ही सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए थे. भीड़ की संभावना होने के बावजूद कार्यक्रम को जबरन कराया गया, जबकि उसी समय स्टेडियम के बाहर भगदड़ की खबरें आने लगी थीं.
आयोग ने ठहराया 'गंभीर लापरवाही' का जिम्मेदार
जस्टिस जॉन माइकल डीकुन्हा की अध्यक्षता वाले आयोग ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि यह घटना 'गंभीर लापरवाही और कर्तव्यच्युतता' का मामला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आरसीबी, KSCA, DNA और बेंगलुरु पुलिस – सभी ने सुरक्षा के प्रति गैरजिम्मेदार रवैया अपनाया, जिससे यह हादसा हुआ.
मैदान के अंदर 79 जवान, बाहर कोई नहीं
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि भीड़भाड़ की आशंका के बावजूद पूरे स्टेडियम के अंदर सिर्फ 79 पुलिसकर्मी तैनात थे और बाहर एक भी नहीं. हादसे के वक्त कोई एम्बुलेंस मौके पर मौजूद नहीं थी. इतना ही नहीं, रिपोर्ट में बताया गया कि संयुक्त पुलिस आयुक्त खुद भगदड़ के लगभग 30 मिनट बाद मौके पर पहुंचे.
गवाहों और पुलिस अधिकारियों के बयान के बाद बनी रिपोर्ट
इस रिपोर्ट को तैयार करने से पहले आयोग ने कई चश्मदीदों, पुलिस अधिकारियों और इवेंट से जुड़े लोगों से पूछताछ की. इसके अलावा घटनास्थल का कई बार निरीक्षण किया गया. रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने पहले ही 5 पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था, जिनमें उस समय के बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर और दो IPS अफसर शामिल हैं.
सरकार ने अब इस रिपोर्ट को आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी है, जिससे रास्ता साफ हो गया है कि RCB और अन्य जिम्मेदार संस्थाओं के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा सके. जनता और मृतकों के परिजन इस फैसले का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे.