बंगाल मवेशी तस्करी मामला: सीबीआई की विशेष अदालत को धमकी भरे पत्र में पहली गिरफ्तारी
आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस आयुक्तालय ने सोमवार देर शाम आसनसोल में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश चक्रवर्ती को धमकी भरे पत्र के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.
कोलकाता, 30 अगस्त : आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस आयुक्तालय ने सोमवार देर शाम आसनसोल में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश चक्रवर्ती को धमकी भरे पत्र के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. वह पशु तस्करी से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहे हैं. गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान आसनसोल निवासी सुदीप्तो रे के रूप में हुई है. पेशे से वह पश्चिम बर्दवान जिला अदालत में आसनसोल जिला न्यायालय में अधिवक्ता हैं.
20 अगस्त को, न्यायमूर्ति चक्रवर्ती को एक धमकी भरा पत्र मिला, जिसमें कहा गया था कि उन्हें और उनके परिवार के अन्य सदस्यों पर नशीले पदार्थों के मामले में मामला दर्ज किया जाएगा, जब तक कि वह पशु तस्करी मामले के मुख्य आरोपी - तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल को जमानत नहीं देते. पत्र में एक बप्पा चक्रवर्ती को पत्र भेजने वाले के रूप में नामित किया गया था. यह भी पढ़ें : भाजपा को 2024 में सत्ता से बेदखल करना मेरी ‘आखिरी लड़ाई’ होगी: CM ममता बनर्जी
धमकी भरा पत्र मिलने पर न्यायमूर्ति चक्रवर्ती ने मामले की जानकारी जिला न्यायाधीश को दी जिन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय को मामले से अवगत कराया. पता चला है कि धमकी भरे पत्र के कथित प्रेषक बप्पा चक्रवर्ती ने आसनसोल जिला अदालत के न्यायिक दंडाधिकारी प्रांतिक बसु को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत गुप्त रूप से स्वीकारोक्ति की थी. स्वीकारोक्ति में बप्पा चक्रवर्ती ने सुदीप्तो रे का नाम लिया.