रूस यात्रा से पहले एलएसी मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सीडीएस व सैन्य प्रमुखों के साथ बैठक
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच रविवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ लद्दाख के हालात पर बैठक की. पिछले सप्ताह दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद व्याप्त तनाव के बीच यह बैठक हुई.  माना जा रहा है कि अपने निवास पर आधे घंटे की चर्चा में सिंह ने लद्दाख में चल रही स्थिति के मद्देनजर किसी भी कार्रवाई करने के लिए सीडीएस और तीनों सेना प्रमुखों को 'पूरी तरह से' तैयार रहने को कहा है.

यह पता चला है कि रक्षा मंत्री ने सेना को गश्त के दौरान बहुत सतर्क रहने और चीन के साथ सीमा पर कड़ी चौकसी बढ़ाने की सलाह दी है. बैठक के दौरान सेनाओं को जमीन से लेकर समुद्री मार्ग पर भी उचित निगरानी रखने के लिए कहा गया है. मंत्री ने कुछ महत्वपूर्ण रक्षा सौदों पर भी चर्चा की, जिनके रूस की यात्रा के दौरान होने की उम्मीद है. सिंह की बैठक 24 जून को रूस की उनकी यात्रा से पहले हुई, जहां वे द्वितीय विश्व युद्ध में रूस की जीत की 75वीं वर्षगांठ पर मास्को में आयोजित विजय दिवस सैन्य परेड का हिस्सा बनेंगे. यह भी पढ़े: भारत-चीन हिंसक झड़प: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की स्थिति की समीक्षा, CDS विपिन रावत सहित तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ की अहम बैठक

तीनों सेनाओं की 75 सदस्यीय भारतीय सैन्य टुकड़ी पहले ही रूसी टुकड़ी और अन्य आमंत्रित सैन्य टुकड़ियों के साथ विजय परेड में भाग लेने के लिए मास्को पहुंच चुकी है. विजय दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली टुकड़ी का नेतृत्व सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट के एक मेजर रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाएगा। यह रेजिमेंट द्वितीय विश्व युद्ध में वीरता के साथ लड़ी थी और इसे वीरता पुरस्कारों में चार युद्ध सम्मान और दो सैन्य क्रॉस अर्जित करने का गौरव प्राप्त है. रक्षा मंत्री की यात्रा से भारत और रूस के बीच लंबे समय से चली आ रही विशेष रणनीतिक साझेदारी को बल मिलेगा.

पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी पर चीन के दावे को भारत की मजबूत अस्वीकृति के एक दिन बाद यह बैठक आयोजित की गई. करीब छह सप्ताह से भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव चल रहा है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 15 जून की रात भारतीय जवानों पर बर्बरतापूर्ण हमला किया था। चीन और भारत के सैनिकों के बीच 15 जून की रात हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. विदेश मंत्रालय ने चीन के दावे का मजबूती से खंडन किया है और गलवान घाटी पर हमेशा की तरह अपनी संप्रुभता बनाए रखने की बात कही है.