False Rape Case: झूठे रेप केस में 4 साल जेल में रहा लड़का! अब उतने ही दिन लड़की को काटनी होगी जेल की सजा, बरेली कोर्ट का फैसला

बरेली में एक युवक को झूठे रेप के आरोप में 4 साल जेल में बिताने के बाद अदालत ने उसे दोषमुक्त कर दिया. अदालत ने अब युवती को भी उतनी ही सजा सुनाई और युवक को उसके समय के बराबर आर्थिक जुर्माना अदा करने का आदेश दिया.

उत्तर प्रदेश के बरेली से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाने के साथ-साथ एक ऐतिहासिक फैसले को भी जन्म दिया है. 4 साल तक जेल में बिताने के बाद, युवक को न्याय मिला है, लेकिन यह न्याय उसकी कीमत पर आया है.

मामला क्या है? 

इस घटना की शुरुआत 2019 में हुई, जब अजय उर्फ राघव ने बताया कि एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के सिलसिले में वह युवती की बड़ी बहन के घर गए थे. वहां से लौटने के बाद, युवती ने उन पर अपहरण और दुष्कर्म का झूठा आरोप लगा दिया. नतीजतन, राघव को चार साल जेल की सजा भुगतनी पड़ी.

अदालत की सुनवाई 

इस मामले का मर्म जानने के लिए अदालत में गवाही दी गई. सुनवाई के दौरान, युवती ने अपनी गवाही से मुकर गई. पहले उसने कहा कि वह अनपढ़ है, लेकिन जब दस्तावेज पर साइन करने की बारी आई, तो उसने इंग्लिश में साइन किया. इस पर जज साहब को समझ आ गया कि युवती जानबूझकर युवक को फंसाने की कोशिश कर रही थी.

कोर्ट का फैसला 

जब हकीकत सामने आई, तो अदालत ने राघव को दोष मुक्त कर दिया और युवती को उतनी ही सजा सुनाई, जितनी उसने जेल में बिताई थी. अदालत ने यह भी कहा कि राघव की मजदूरी की रकम, जो उसे जेल में रहने के दौरान नहीं मिल सकी, वह युवती से वसूल की जाएगी. अगर युवती इस रकम का भुगतान नहीं करती है, तो उसे 6 महीने की अतिरिक्त सजा भी भुगतनी होगी.

इस मामले में अदालत ने सख्त टिप्पणी की और कहा कि इस तरह के झूठे आरोप वास्तविक पीड़िताओं को नुकसान पहुंचाते हैं. यह समाज के लिए एक गंभीर समस्या है कि कुछ महिलाएं अपने स्वार्थ के लिए न्याय व्यवस्था का दुरुपयोग करती हैं. अदालत ने स्पष्ट किया कि महिलाओं को इस तरह की छूट नहीं दी जा सकती, जो पुरुषों के हितों पर आघात करती हैं.

 

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