Badlapur Horror: बच्चियों के यौन शोषण के बाद बदलापुर में उग्र प्रदर्शन, गुस्साई भीड़ ने स्कूल में की तोड़फोड़

महाराष्ट्र के बदलापुर में एक स्कूल के सफाईकर्मी द्वारा दो-चार साल की बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है. इस घटना के विरोध में स्थानीय लोग ने गुस्से में है और प्रदर्शन कर रहे हैं.

Badlapur School Vandalised | X

मुंबई: महाराष्ट्र के बदलापुर में एक स्कूल के सफाईकर्मी द्वारा दो-चार साल की बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है.  इस घटना के विरोध में स्थानीय लोग ने गुस्से में है और प्रदर्शन कर रहे हैं. लोग रेल रोको आंदोलन करके स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इसके बाद बदलापुर रेलवे स्टेशन पर कई लोकल ट्रेनें रोक दी गईं. इसकी स्कूल के सफाईकर्मी पर बाथरूम में दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है. पुलिस ने सफाईकर्मी को अरेस्ट कर लिया है. घटना के चार दिन बाद भी स्कूल प्रशासन की चुप्पी के खिलाफ पैरेंट्स का गुस्सा फूटा है.

स्कूल में ठेके पर काम करने वाले सफाईकर्मी, अक्षय शिंदे (23), पर इन बच्चियों के साथ स्कूल के टॉयलेट में यौन उत्पीड़न करने का आरोप है. इस घिनौनी घटना के बाद पूरे शहर में आक्रोश की लहर दौड़ गई.

बच्चियों के साथ हुई घिनौनी हरकत पर फूटा लोगों का गुस्सा

मंगलवार की सुबह बदलापुर के निवासी स्कूल प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्रित हुए. वे स्कूल के बाहर जमा होकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे. हालांकि, प्रदर्शन जल्द ही हिंसक हो गया. भीड़ ने स्कूल पर पत्थरबाजी की और कथित तौर पर स्कूल में घुसकर संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया.

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति तेजी से बिगड़ती जा रही थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार, घटना स्थल पर केरोसिन भी पाया गया, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि भीड़ स्कूल में आग लगाने की कोशिश कर रही थी.

गुस्साई भीड़ को काबू करने में जुटी पुलिस

पुलिस की त्वरित कार्रवाई से स्कूल में आगजनी को रोका जा सका, लेकिन तब तक भीड़ ने स्कूल के नर्सरी कक्ष में तोड़फोड़ कर दी थी. स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने और अधिक पुलिस बल बुलाया और स्कूल परिसर को घेर लिया. इसके बाद, प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशन का रुख किया और वहां भी पुलिस पर पत्थरबाजी की. उन्होंने बदलापुर रेलवे स्टेशन पर पटरियों पर उतरकर विरोध किया, जिसके चलते पुलिस को अन्य एजेंसियों की सहायता लेनी पड़ी.

प्रशासन की कार्रवाई और नाराजगी

इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन ने प्रधानाचार्य और कक्षा शिक्षक को बर्खास्त कर दिया, लेकिन इससे जनता का गुस्सा शांत नहीं हुआ. सफाईकर्मी की भर्ती कराने वाले ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. वहीं, जब पीड़ित बच्चियों के माता-पिता ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करानी चाही, तो पुलिस स्टेशन की प्रभारी, शुभदा शिटोले, ने एफआईआर दर्ज करने में देरी की. इसके परिणामस्वरूप, ठाणे पुलिस ने उन्हें विशेष शाखा में स्थानांतरित कर दिया है.

घटना से गुस्साए स्थानीय निवासियों ने बदलापुर शहर में बंद का आह्वान किया है. वहीं, एक महिला संगठन ने मंगलवार को स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है. शहरवासी अब इस बात से नाराज हैं कि स्कूल प्रशासन ने एफआईआर दर्ज करने और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने में देरी क्यों की. वे स्कूल के बाहर जमा होकर बच्चों, विशेष रूप से छात्राओं की सुरक्षा के लिए जवाब मांग रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन को स्थानीय यूनियनों, जैसे ऑटो रिक्शा चालकों, बस ऑपरेटरों, स्थानीय दुकानदारों और राजनीतिक दलों का भारी समर्थन मिल रहा है.

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