राम मंदिर: धर्मसभा से पहले अयोध्या में तनाव, सेना बुलाने की मांग उठी
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अयोध्या में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना की तैनाती की जानी चाहिए. वहीं इससे पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी जरूरत पड़ने पर शहर में सेना तैनात करने की मांग उठाई थी.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अयोध्या (Ayodhya) में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना की तैनाती की जानी चाहिए. वहीं इससे पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी जरूरत पड़ने पर शहर में सेना तैनात करने की मांग उठाई थी. दरअसल राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए दबाव बनाने को लेकर अयोध्या में रविवार को धर्मसभा (Dharma Sabha)आयोजित की गई है.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष राजभर ने कहा कि वह समाजवादी पार्टी ( सपा) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की इस मांग से सहमत हैं कि सर्वोच्च न्यायालय को अयोध्या में सेना की तैनाती का आदेश जारी करना चाहिए. उन्होंने यह सवाल उठाया कि अयोध्या में धारा 144 लगने के बावजूद भी कैसे हजारों लोग यहां पहुंच गए.
विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यक्रम (धर्मसभा) के लिए हजारों लोग शहर में एकत्र हो चुके है. इसके अलावा शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे भी एक अलग कार्यक्रम के लिए शनिवार को अयोध्या पहुंचे हैं.
वहीं अखिलेश ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय को उत्तर प्रदेश की स्थिति का संज्ञान लेना चाहिए. उसे इस विषय पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और सेना बुलानी चाहिए. क्योंकि बीजेपी और उसके सहयोगी दल किसी भी हद तक जा सकते हैं.’’
हालांकि, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उनके इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख की टिप्पणी से उनकी हताशा झलकती है क्योंकि यह एक धर्म सभा है और इसके लिए सेना की जरूरत नहीं है.
वर्ष 1990 में निहत्थे कारसेवकों पर हुई गोलीबारी का जिक्र करते हुए मौर्य ने कहा, ‘‘यदि अखिलेश यादव को लगता है कि 1990 जैसी नौबत आएगी, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नीत सरकार के तहत यह सूरत नहीं बनेगी. हम लोग सभी को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करेंगे और सभी आवश्यक कार्रवाई करेंगे.’’