J&K: सर्दियों से पहले बढ़ जाते हैं घुसपैठ के प्रयास, सीमा पर सेना ने बढ़ाई चौकसी

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में सर्दियों की शुरुआत और भारी बर्फबारी के कारण रास्ते बंद होने से पहले सीमा पार से और अधिक आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की कोशिशें हमेशा होती रहती हैं.

Indian Army | PTI

श्रीनगर, नौ नवंबर: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में सर्दियों की शुरुआत और भारी बर्फबारी के कारण रास्ते बंद होने से पहले सीमा पार से और अधिक आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की कोशिशें हमेशा होती रहती हैं, लेकिन सुरक्षाबल सतर्क हैं और घुसपैठ की किसी भी कोशिश को नाकाम कर देंगे. बीएसएफ महानिदेशक ने यहां श्रीनगर के बाहरी इलाके हुमहामा में सहायक प्रशिक्षण केंद्र (एसटीसी) कश्मीर में बीएसएफ के 599 रंगरूटों की पासिंग आउट परेड में भाग लिया और उसका निरीक्षण किया. Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सीमा रेखा के पास भारतीय सैनिक की मौत.

नितिन अग्रवाल ने कहा कि ये प्रयास हर साल होते हैं क्योंकि पाकिस्तान बर्फबारी से पहले अधिकतम संख्या में आतंकवादियों को घुसपैठ कराने की कोशिश करता है. बीएसएफ के महानिदेशक नितिन अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हर साल सर्दी शुरू होने, बर्फबारी होने और रास्ते बंद होने से पहले उन्हें (आतंकवादियों को) खदेड़ने की कोशिश की जाती है. लेकिन, हम सतर्क हैं. मैंने बुधवार को नियंत्रण रेखा (एलओसी) का दौरा किया, अपने सैनिकों और सेना के अधिकारियों से मुलाकात की. वे सतर्क हैं और अगर घुसपैठ की कोई कोशिश होगी तो हम उसे नाकाम कर देंगे.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन, हम हर साल उनके मंसूबों को नाकाम कर देते हैं और इस साल भी ऐसा ही हो रहा है. वे कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं हो रहे हैं. शोपियां में आज मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया. वे आम लोगों पर हमला कर रहे हैं, यह उनकी हताशा का संकेत है.’’

जम्मू के सांबा जिले में संघर्ष विराम उल्लंघन के बारे में पूछे जाने पर बीएसएफ महानिदेशक ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी सैनिकों ने दो-तीन बार हमारी चौकियों पर हमला किया और हमारे जवानों को निशाना बनाया है. लेकिन, हमारे सुरक्षाबल सतर्क हैं और उन्होंने बहुत अच्छी तरह से जवाबी कार्रवाई की है. सीमा पार शायद गंभीर क्षति हुई है, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है.’’

यह पूछे जाने पर कि क्या सीमा पार से ऐसी गोलीबारी की घटनाओं का संघर्ष विराम पर असर पड़ेगा, नितिन अग्रवाल ने कहा कि यह (गोलीबारी) पिछले दो सप्ताह से हो रही है, लेकिन हम इसके पीछे का कारण नहीं जानते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस पर चर्चा कर रहे हैं और एक बार हमें इसका कारण पता चल जाएगा तो हम इसका मुकाबला करने के लिए एक रणनीति तैयार करेंगे. ’’

जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में बृहस्पतिवार को तड़के अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास पाकिस्तानी रेंजर्स की बिना उकसावे वाली गोलीबारी में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हेड कॉन्स्टेबल लाल फाम कीमा (50) की मौत हो गई.

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