Atique Ahmed Gets Life Imprisonment: उमेश पाल अपहरण मामले में कोर्ट का फैसला, अतीक अहमद को उम्र कैद की सजा, भाई अशरफ बरी
Atiq Ahmed (Photo Credit : Twitter)

Atique Ahmed Gets Life Imprisonment: उमेश पाल के अपहरण (Umesh Pal Murder Case) मामले में माफिया से नेता बने अतीक अहमद (Atiqe Ahmed)  दिनेश पासी और खान सौलत हनीफ को दोषी करार दिया है. वहीं केस में उसके भाई अशरफ अहमद समेत 7 लोगो को बरी कर दिया. उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक समेत तीन लोगो को दोषी करार दिए जाने के बाद प्रयागराज MP-MLA कोर्ट ने तीनों के खिलाफ उम्र कैद का सजा सुनाया है.

उमेश पाल अपहरण केस में बाहुबली अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है. अतीक को सोमवार शाम को अहमदाबाद की साबरमती जेल से और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था. दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया. जेल और कोर्ट के मुख्य गेट के आसपास बैरिकेडिंग लगा दी है. जेल में कैदियों से आज मुलाकात बंद हैं. यह भी पढ़ें: Atique Ahmed Guilty: अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ समेत सभी आरोपियों को बड़ा झटका, उमेश पाल अपहरण मामले में दोषी करार

उमेश पाल दिवंगत बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह भी थे. वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं. यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी. माफिया अतीक अहमद के वकील दयाशंकर कोर्ट में पहुंच गए हैं. कई थानों की फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी और सात वज्र वाहन केंद्रीय कारागार नैनी जेल परिसर से पहुंच गए हैं.

अतीक के वकील दया शंकर ने कहा कि फैसले के बाद ही रणनीति तय होगी. हमें उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार है. उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने संवाददाताओं से कहा, ''मैं अदालत नहीं जा रही हूं. मैं अपने घर में रहूंगी और अहमद के लिए मृत्युदंड की प्रार्थना करूंगी.''

ज्ञात हो कि 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे. जबकि चार अज्ञात को आरोपी बनाया था. इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था. उमेश का 28 फरवरी 2006 अपहरण हुआ था. इसका आरोप अतीक अहमद और उसके साथियों पर लगा था. उमेश ने आरोप लगाया था कि अतीक ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी.

उमेश के बयान के अनुसार जब उसने अतीक अहमद के दबाव में गवाही से पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी 2006 को बंदूक की दम पर उसका अपहरण कर लिया गया. एक साल बाद उमेश की शिकायत पर पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.