Traffic Boom on Atal Setu: अटल सेतु ने मचाया धमाल! रोड टैक्स से एक महीने में 13.95 करोड़ रुपये की हुई कमाई
मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाला अटल सेतु पुल उद्घाटन के बाद रफ्तार पकड़ रहा है. इस पुल पर यातायात काफी बढ़ गया है और महज़ एक महीने में टैक्स से 13.95 करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी है.
Traffic Boom on Atal Setu: मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाला अटल सेतु पुल उद्घाटन के बाद रफ्तार पकड़ रहा है. हाल ही के आंकड़ों के मुताबिक, इस पुल पर यातायात काफी बढ़ गया है और महज़ एक महीने में टोल टैक्स से 13.95 करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी है.
अटल सेतु के नाम देश में एक और रिकॉर्ड दर्ज हुआ है. बगैर टोल भरे आगे बढ़ने वाले वाहनों से भी टोल वसूली की जा रही है. इसके लिए सेतु पर देश में पहली बार टोल वसूली चालान काटा जा रहा है. अब तक 32 हजार वाहनों के खिलाफ टोल वसूली का चालान जारी किया गया है.
पहले महीने ही करोड़ों का टोल टैक्स
मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने में 8.13 लाख से अधिक वाहनों ने अटल सेतु को पार किया है. इनमें लगभग 98% कारें रहीं, जो दर्शाता है कि ज्यादातर निजी वाहन चालक ही पुल का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि, अभी बड़े वाहनों की आवाजाही कम है, जिसका कारण माना जा रहा है कि उनके रूटों में अभी पुल को शामिल नहीं किया गया है.
पुल की विशेषताएं
- यह पुल 6 लेन वाला है, जिसमें 3 लेन प्रत्येक दिशा में हैं.
- यह पुल 16.5 किलोमीटर समुद्र पर और 5.3 किलोमीटर जमीन पर बना है.
- यह पुल 35 मीटर ऊंचा है, ताकि बड़े जहाज पुल के नीचे से गुजर सकें.
- इस पुल का निर्माण 15,000 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था.
पुल के बनने से फायदे
- यह पुल मुंबई और नवी मुंबई के बीच यात्रा के समय को 2 घंटे से घटाकर 20 मिनट कर देता है.
- यह पुल मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह को जोड़ता है, जिससे व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलता है.
- यह पुल पर्यटन को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि यह मुंबई और नवी मुंबई के बीच कई पर्यटन स्थलों को जोड़ता है.
अटल सेतु मुंबई और नवी मुंबई को जोड़ने वाला एक 21.8 किलोमीटर लंबा समुद्री पुल है. यह भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल और दुनिया का छठा सबसे लंबा पुल है. इस पुल का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था और 2024 में इसका उद्घाटन किया गया था. इस पुल का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है.