Assembly Elections: मध्य प्रदेश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की तरफ बढ़ती सियासत
मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव में भले ही छह महीने से ज्यादा का वक्त हो मगर सियासत की राह तय होने लगी है और धीरे-धीरे वह सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की तरफ भी बढ़ रही है.
भोपाल 14 अप्रैल: मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव में भले ही छह महीने से ज्यादा का वक्त हो मगर सियासत की राह तय होने लगी है और धीरे-धीरे वह सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की तरफ भी बढ़ रही है. कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा मुस्लिम समाज की आबादी कम होने का जिक्र किया गया और उस पर भाजपा हमलावर हो गई. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि, भाजपा और संघ जो प्रचार करती है कि देश में मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है वो सरासर झूठ, गलत और अप्रमाणित है, क्योंकि हिंदुओं की तुलना में अल्पसंख्यक समुदाय की जनसंख्या तेजी से घट रही है. यह भी पढ़ें: Madhya Pradesh: ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ में बुजुर्गों को विमान से भी यात्रा कराएगी मध्य प्रदेश सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जनगणना को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने जनगणना कराए जाने पर जोर दिया. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बयान पर भाजपा हमलावर हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लिया है.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से देख रहा हूं कि चाहे कमलनाथ हो या दिग्विजय सिंह एक वर्ग को डराने का काम कर रहे हैं. दिग्विजय सिंह कहते हैं कि मुस्लिमों की संख्या घट रही और कमलनाथ ने रोजा इफ्तार में कहा दंगे भड़क रहे हैं. मध्य प्रदेश शांति वाला राज्य है. चुनाव के समय कांग्रेस के एक नेता कह रहे हैं दंगे भड़क रहे हैं, दूसरे नेता कह रहे संख्या घट रही है, क्यों डराना चाहते हैं, क्या करना चाहते हैं, आपके इरादे क्या है. मुझे अजीब लगता है कि मध्य प्रदेश में इस तरह की चर्चाएं हो रही है जो सर्वथा शांति प्रदेश है और शांति का टापू है. सियासी तौर पर आ रहे बयानों ने यह तो जाहिर कर ही दिया है कि राज्य की सियासत ध्रुवीकरण की तरफ तेजी से बढ़ रही है.