नई दिल्ली, 12 मार्च : उत्तर प्रदेश में भाजपा को जीत दिलाने में महिला मतदाताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए भाजपा यह दावा कर रही है कि लाभार्थियों ने बड़े पैमाने पर जातियों के बंधन को तोड़ कर भाजपा के पक्ष में वोट किया है. लेकिन इसमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका महिला मतदाताओं ने ही निभाई है. महिला मतदाताओं ने इस बार न केवल पुरुषों से ज्यादा वोट किया , बल्कि बढ़-चढ़कर भाजपा के पक्ष में मतदान किया. इस बार उत्तर प्रदेश में 60.80 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया लेकिन महिला मतदाताओं के मतदान करने का प्रतिशत इस औसत से कहीं ज्यादा 62.24 प्रतिशत रहा और इसका एक बड़ा हिस्सा भाजपा के पक्ष में गया है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश , ब्रज, अवध और पूर्वांचल के कई जिलों के दौरे के दौरान आईएएनएस से बात करते हुए बड़ी तादाद में महिला मतदाताओं ने योगी और मोदी सरकार के कामकाज की जमकर तारीफ की थी. उज्जवला योजना, घर-घर शौचालय और मुफ्त राशन जैसी अनगिनत योजनाओं का लाभ सीधे महिलाओं को मिला तो वहीं कानून व्यवस्था के मजबूत होने का फायदा भी महिलाओं को सबसे ज्यादा मिला. कॉलेज जाने वाले ऐसी लड़कियां, जिन्होंने पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया , उनके लिए सुरक्षा सबसे बड़ा और अहम मुद्दा था. यह भी पढ़ें : आप नेता भगवंत मान ने पंजाब के राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने की दावेदारी पेश की
दरअसल, उत्तर प्रदेश में जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों की बात करें तो यह माना जाता है कि इसमें 80 से 90 प्रतिशत महिलाएं हैं. इस बार संयोग ने भी भाजपा का साथ दिया. इस बार उत्तर प्रदेश में पुरुषों की बजाय महिला मतदाताओं की संख्या में ज्यादा बढ़ोतरी हुई थी और वोट देने के मामले में भी महिला मतदाताओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया. महिला मतदाताओं की भूमिका को देखते हुए ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इन्हें लुभाने के लिए ' लड़की हूं , लड़ सकती हूं ' अभियान चलाते हुए 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने का एलान किया था , लेकिन उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने कांग्रेस की बजाय भाजपा सरकार की नीतियों और उनके वादों पर ज्यादा भरोसा किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के तमाम छोटे-बड़े नेता भी इस प्रचंड जीत में महिला मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार कर रहे हैं.