Assam : रॉय परिवार के 3 सदस्य चुनावी मैदान में
असम (Assam) में 3 पीढ़ियों वाला एक अरबपति राजनीतिक परिवार इस समय हर किसी का ध्यान आकर्षित कर रहा है. दक्षिणी असम की प्रसिद्ध 'रॉय फैमिली' के 3 सदस्य- पिता, बेटा और बहू इन विधानसभा चुनावों में अपना भाग्य आजमा रहे हैं, जिसका फैसला चुनाव के दूसरे चरण में होगा.
सिलचर (असम), 31 मार्च : असम (Assam) में 3 पीढ़ियों वाला एक अरबपति राजनीतिक परिवार (Billionaire Political Family) इस समय हर किसी का ध्यान आकर्षित कर रहा है. दक्षिणी असम की प्रसिद्ध 'रॉय फैमिली' के 3 सदस्य- पिता, बेटा और बहू इन विधानसभा चुनावों (Assembly elections) में अपना भाग्य आजमा रहे हैं, जिसका फैसला चुनाव के दूसरे चरण में होगा. यह भी पढ़े: Assam: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में पूजा की
6 बार के विधायक और पूर्व कांग्रेस सरकार के राजस्व और पंचायत मंत्री गौतम रॉय (72) इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं उनके बेटे राहुल और बहू डेजी सत्तारूढ़ दल के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. सीनियर रॉय कटिगोरा से और राहुल उधारबोंड से चुनाव लड़ रहे हैं. ये दोनों सीटें कछार जिले में आती हैं. वहीं डेजी पड़ोसी जिले हेलाकांडी की अल्गापुर निर्वाचन सीट से मैदान में हैं.
सीनियर और जूनियर रॉय दोनों ने 2016 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और हार गए थे. इस बार उन्होंने सीटें बदल ली हैं. चुनाव आयोग को सौंपे गए हलफनामों के मुताबिक, तीनों उम्मीदवारों की चल और अचल संपत्ति का अनुमानित मूल्य 142.57 करोड़ रुपये है. यह परिवार कई तरह के बिजनेस में है.
रॉय की पत्नी मंदिरा भी 2013 के उप-चुनावों में अल्गापुर सीट से विधायक रह चुकी हैं. वहीं रॉय ने 1985 के बाद से 6 बार कतलीचेरा सीट का प्रतिनिधित्व किया और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में 4 बार मंत्री रहे. लेकिन 2016 में वे ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के सुजम उद्दीन लस्कर से हार गए थे. पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर कांग्रेस द्वारा निलंबित किए जाने के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए थे.
निर्दलीय उम्मीदवार के तौर चुनाव लड़ रहे बेटे और बहू के बारे में पूछे जाने पर सीनियर रॉय ने कहा, "दोनों परिपक्व और डायनमिक हैं. वे सफलतापूर्वक अपना व्यवसाय कर रहे हैं. चुनाव लड़ना उनका अपना निर्णय है, इसमें मैं कुछ नहीं कह सकता हूं. मेरे बेटे और बहू के साथ मेरा कोई राजनीतिक संबंध नहीं है."
बता दें कि दक्षिणी असम के बराक घाटी क्षेत्र में 15 अहम सीटें आती हैं. इसमें 3 जिले - कछार, करीमगंज और हैलाखंडी हैं, जिनमें ज्यादातर बंगाली भाषी लोग रहते हैं. 2016 के चुनावों में भाजपा ने इनमें से 8, एआईयूडीएफ ने 4 और कांग्रेस ने 3 सीटें जीती थीं.
इस बार विपक्षी कांग्रेस ने कई प्रमुख नेताओं के बेटे और बेटियों को भी चुनावी मैदान में उतारा. कांग्रेस ने पूर्वी गुवाहाटी सीट से असम के पहले मुख्यमंत्री लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई की पोती असीमा बोरदोलोई को टिकट दिया है. वहीं बरखेड़ी से पूर्व मुख्यमंत्री भूमिधर बर्मन के बेटे दिगंत बर्मन, नजीरा विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया के बेटे देवव्रत सैकिया और अमगुरी सीट से राज्य के पूर्व पार्टी अध्यक्ष अंजन दत्ता की बेटी अंगिका दत्ता को मैदान में उतारा है.