ओडिशा पुलिस के शहीद SOG जवान को मिलेगा मरणोपरांत अशोक चक्र सम्मान, माओवादियों से लड़ते हुए गई थी जान
साल 2008 में माओवादियों से लोहा लेते वक्त अपने प्राणों का बलिदान देने वाले ओडिशा पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप यानी एसओजी के सहायक कमांडेंट प्रमोद कुमार सतपथी को मरणोपरांत अशोक चक्र सम्मान दिया जाएगा.
नई दिल्ली: साल 2008 में माओवादियों से लोहा लेते वक्त अपने प्राणों का बलिदान देने वाले ओडिशा पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप यानी एसओजी के सहायक कमांडेंट प्रमोद कुमार सतपथी को मरणोपरांत अशोक चक्र सम्मान दिया जाएगा, जिसकी घोषणा रविवार को गृह मंत्रायल ने की. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि उनकी वीरता और बहादुरी को हम सलाम करते हैं, उन्होने अपने प्राणों की परवाह किए बगैर माओवादियों से लोहा लिया. उनके इस बलिदान के लिए उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
बता दें कि ओडिशा पुलिस के एसओजी के सहायक कमांडेंट प्रमोद कुमार सतपथी ने 16 फरवरी, 2008 को ओडिशा के गंजम जिले के गोसामा जंगल और फुलबानी जिले के आसपास के इलाके में सुरक्षा बलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ के दौरान अपनी जान गवां दी थी.
बताया जाता है कि 15 फरवरी, 2008 की रात करीब 10.30 बजे 500 माओवादियों ने नयागढ़ पुलिस थाने, पुलिस ट्रेनिंग स्कूल के अतिरिक्त दो और पुलिस थानों पर हमला कर दिया था. इनमें अधिकांश माओवादी छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और झारखंड से बताए जा रहे थे. पुलिस थानों पर हमला करके इन माओवादियों ने वहां से विभिन्न श्रेणियों के करीब 1,200 हथियार लूट लिए. यह भी पढ़ें: भारत पर 10 सर्जिकल स्ट्राइक की धमकी के बीच LOC पर PAK की तरफ से फायरिंग, भारतीय सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब
उन्होंने इस दौरान गंजम और फुलबानी जिले के आसपास की बसों और गाड़ियों को हाइजैक कर लिया था और लूटे हुए हथियारों को लेकर वहां से भागने लगे, तभी तुरंत सतपथी और उनके दूसरे एसओजी के सदस्य मोटर साइकिल पर सवार होकर उनका पीछा करते हुए नयागढ़ पहुंचे और एसओजी, ओडिशा स्पेशल सशस्त्र पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की मदद से पूरे इलाके को घेर लिया.
इसके बाद सतपथी के नेतृत्व में टीम ने माओवादियों पर हमला किया, लेकिन संख्या कम होने के कारण माओवादियों ने इन पर ऐसा आघात किया, इस हमले में सतपथी ने अपने प्राण गवां दिए. उनके साथ माओवादियों के इस हमले में 14 पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई थी.