अरुणाचल प्रदेश: ईटानगर में प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी सीएम के निजी आवास को किया आग के हवाले, तैनात की गईं ITBP की 6 कंपनियां
अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में हिंसा (Photo Credits: ANI)

कर्फ्यू (Curfew) को धता बताते हुए प्रदर्शनकारियों ने रविवार को ईटानगर (Itanagar) में अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के उप-मुख्यमंत्री चाउना मीन (Chowna Mein) के निजी आवास को कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया जबकि उपायुक्त के दफ्तर में तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारी छह समुदायों को स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र दिए जाने की सिफारिश का विरोध कर रहे थे. पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस फायरिंग में जख्मी हुए एक शख्स के एक अस्पताल में दम तोड़ देने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर मार्च किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. प्रदर्शनकारियों ने यहां नीति विहार इलाके में उप-मुख्यमंत्री के निजी आवास को आग के हवाले कर दिया और ईटानगर के उपायुक्त कार्यालय में तोड़फोड़ की. उन्होंने उपायुक्त कार्यालय परिसर में खड़ी कई गाड़ियों में भी आग लगा दी.

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने ईटानगर पुलिस थाने और राज्य की राजधानी की कई सार्वजनिक संपत्तियों पर भी हमला किया. प्रदर्शनकारियों ने नाहरलगुन रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाली सड़क को भी जाम कर दिया जिसके कारण मरीजों सहित कई यात्री रविवार सुबह से ही वहां फंसे हुए हैं. शनिवार को प्रदर्शनकारियों की ओर से की गई पत्थरबाजी में 24 पुलिसकर्मियों सहित 35 लोगों के जख्मी होने के बाद ईटानगर और नाहरलगुन में बेमियादी कर्फ्यू लगा दिया गया था. सेना ने शनिवार को ईटानगर और नाहरलगुन में फ्लैग मार्च किया. दोनों जगहों पर इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं.

पुलिस ने बताया कि सारे बाजार, पेट्रोल पंप और दुकानें बंद हैं और ईटानगर की ज्यादातर एटीएम में नगद नहीं है. शुक्रवार से अब तक प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिस वाहनों सहित 60 से अधिक वाहनों को आग के हवाले किया है और 150 से ज्यादा गाड़ियां क्षतिग्रस्त कर दी गई हैं. शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय इंदिरा गांधी उद्यान में ईटानगर अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के मंच को नुकसान पहुंचाया. बाद में आयोजकों ने फिल्म महोत्सव रद्द कर दिया. यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: कुलगाम में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर, DSP अमन ठाकुर शहीद, तीन जवान घायल

हितधारकों से वार्ता करने के बाद संयुक्त उच्चाधिकार समिति (जेएचपीसी) ने ऐसे छह समुदायों को स्थानीय निवासी प्रमाण-पत्र देने की सिफारिश की है जो मूल रूप से अरुणाचल प्रदेश के नहीं हैं, लेकिन दशकों से नामसाई और चांगलांग जिलों में रह रहे हैं. जेएचपीसी की सिफारिश शनिवार को विधानसभा में पटल पर रखी जानी थी, लेकिन स्पीकर द्वारा सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिए जाने के कारण इसे पेश नहीं किया जा सका. शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के लोगों से अपील की कि वे संयम बरतें और शांति कायम रखें.