मोदी सरकार ने आज ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष अधिकार खत्म कर दिए हैं. घाटी को स्पेशल स्टेट्स देने वाली धारा 370 को मोदी सरकार ने खत्म कर दिया है. इसके अलावा केंद्र सरकार ने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया है. अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों अलग-अलग राज्य हैं. सरकार ने दोनों को केंद्र शासित राज्य घोषित किया है. सरकार के इस फैसले को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिल गई है.
इसके अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35-A हटाने की भी घोषणा कर दी है. बता दें कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के हस्ताक्षर से इस अनुच्छेद को लागू किया गया था.
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Constitution(application to Jammu and Kashmir) Order 2019 pic.twitter.com/ueZWl8VU59
— ANI (@ANI) August 5, 2019
मोदी सरकार की यह घोषणा ऐतिहासिक है. मोदी सरकार की इस घोषणा के बाद जम्मू-कश्मीर को संविधान के तहत जो दर्जा मिला हुआ था, वह आज की घोषणा के बाद निष्प्रभावी हो गया है. अब जम्मू-कश्मीर में भी देश के अन्य केंद्रशासित प्रदेशों की तरह ही भारत के नियम-कानून लागू होंगे. केंद्र सरकार की विकास योजनाएं या अन्य कानून वहां पर सभी राज्यों के साथ-साथ लागू किए जाएंगे.
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के अपने संकल्प पत्र में इस बात का जिक्र किया था कि वह जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाएगी. इसके तहत अनुच्छेद 35-A को भी निष्प्रभावी बनाया जाएगा, जिसके तहत इस राज्य को देश के बाकी राज्यों से अलग अधिकार मिले हुए थे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया, उनके प्रस्ताव पेश करते ही सदन में विपक्षी नेता हंगामा करने लगे.
अमित शाह की इस घोषणा के बाद ही राज्यसभा में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा होने लगा. पीडीपी सांसद इस घोषणा के बाद ही कपड़े फाड़कर बैठ गए और हंगामा करने लगे. यही नहीं कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके के सांसदों ने भी सरकार की इस घोषणा पर खूब हंगामा किया. कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि बीजेपी ने संविधान की हत्या की है.