Article 370 हटाना मोदी 2.0 की सबसे बड़ी उपलब्धि: सर्वे
पीएम मोदी (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir)  से अनुच्छेद 370 को हटाना नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Govt) के दूसरे कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि है. एबीपी-सी वोटर मोदी 2.0 रिपोर्ट कार्ड के आंकड़ों में यह बात सामने आई है. एबीपी-सी वोटर सर्वेक्षण (ABP-C Voter Survey)  के अनुसार, 47.4 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है, जबकि 23.7 प्रतिशत का मानना है कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबसे बड़ी उपलब्धि है.

543 लोकसभा सीटों पर किए गए सर्वे में 1.39 लाख लोगों से बातचीत की गई. यह सर्वे एक जनवरी से 28 मई 2021 के बीच किया गया है. सर्वे में पाया गया है कि लोग लॉकडाउन पर सरकार का समर्थन कर रहे हैं.  बड़े पैमाने पर 68.4 प्रतिशत लोगों ने कहा कि पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन लागू करना एक सही निर्णय था. यह भी पढ़े: JP Nadda on Article 370: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा बोले-पीएम मोदी ने पूरी की जम्मू-कश्मीर के लोगों की 70 वर्षों से अनसुनी मांग

इसी तरह, 53.4 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इस साल देशव्यापी लॉकडाउन नहीं करना मोदी सरकार का सही फैसला है. वहीं 41.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए अपना समर्थन दिखाया है। लोगों ने कोरोना काल में परियोजना को शुरू करने और जारी रखने के मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया है.

इसके अलावा टीकाकरण कार्यक्रम के संचालन पर लोगों की राय विभाजित है। 44.9 प्रतिशत ने कहा कि सरकार ने देश में वैक्सीन प्रबंधन को उचित रूप से संभाला है, जबकि 43.9 प्रतिशत लोग ऐसा महसूस नहीं कर रहे हैं. टीकों के निर्यात के निर्णय को भी व्यापक समर्थन मिला है, क्योंकि 47.9 प्रतिशत ने कोविड के टीकों के निर्यात के सरकार के निर्णय का समर्थन किया है.

इसके अलावा 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने से जम्मू-कश्मीर में जटिल मुद्दों का स्थायी समाधान हो गया है. इसी तरह 59.3 प्रतिशत का कहना है कि पिछले दो साल में कश्मीर की स्थिति में सुधार हुआ है.

सरकार की विदेश नीति को भी बड़े पैमाने पर समर्थन मिला है। देश के 62.3 प्रतिशत लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान दुनिया भर के विभिन्न देशों के साथ भारत के संबंधों में सुधार हुआ है. हालांकि 41.9 प्रतिशत लोगों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि केंद्र को तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की किसानों की मांग को स्वीकार करना चाहिए.