नई दिल्ली. अक्सर कई अहम मसलों पर अपनी बेबाक राय रखने वाले आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे (Army Chief General Manoj Mukund Naravane) ने लड़ाई के बदलते स्वरूप को लेकर कहा कि 20वीं सदी के युद्ध के प्रतीक बड़े मुख्य युद्धक टैंक और लड़ाकू विमान हैं. इसलिए हम पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर अपनी क्षमता को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने का काम कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने बालाकोट हवाई हमले का उदाहरण देते हुए कहा कि वह दिखाता है कि अगर कोई चालाक है तो जरूरी नहीं कि बढ़ते तनाव के कारण हमेशा लड़ाई ही हो.
आर्मी चीफ ने आगे कहा कि चीन का प्रभुत्व दक्षिण सागर में दिखाता है कि बिना एक गोली चलाए भी छोटे-छोटे सूझबूझ भरे फैसले से लक्ष्य को पाया गया है. यह भी पढ़े-आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे बोले- देश की सुरक्षा पर आंच नहीं आने देंगे, तीनों सेनाएं पूरी तरह से तैयार
ANI का ट्वीट-
Army Chief:Balakot airstrike saw short intense escalatory cycle in full media blare whr sohisticated info narratives played an imp role. It demonstrated that if you play escalatory game with skill,military ascendence can be established in cycles that don't necessarily lead to war pic.twitter.com/aUsSY2FeDN
— ANI (@ANI) March 4, 2020
आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने सोशल मीडिया को लेकर कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन की 21वीं सदी की सेनाओं की तुलना में आतंकी संगठन आईएसआईएस अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए इसका इस्तेमाल करने में बहुत ज्यादा ही आगे है.