आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत का बड़ा दावा, कहा- पाकिस्तान ने POK में चालाकी से कश्मीरियों की पहचान बदल दी

भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तान को कश्मीर की जनसांख्यिकी में बदलाव के लिए जिम्मेदार ठहराया. पाकिस्तान ने कश्मीरियों की पहचान ही खत्म कर दी है. जनरल रावत ने कहा कि आज के समय में पहचाना मुश्किल है कि कौन असली कश्मीरी है और नहीं, कौन घाटी में अशांति फैला रहा है.

नई दिल्ली: भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Army Chief Bipin Rawat) ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में पाकिस्तान (Pakistan) को कश्मीर की जनसांख्यिकी में बदलाव के लिए जिम्मेदार ठहराया. आर्मी चीफ ने कहा कि पाकिस्तान के अपने कब्जे वाले कश्मीर (kashmir) की जनसांख्यिकी को पूरी तरह बदल दिया है. पाकिस्तान ने कश्मीरियों की पहचान ही खत्म कर दी है. जनरल रावत ने कहा कि आज के समय में पहचाना मुश्किल है कि कौन असली कश्मीरी है और नहीं, कौन घाटी में अशांति फैला रहा है.

इसी संदर्भ में उन्होंने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि उसने बड़ी ही चालाकी से वहां की आबादी में बाहरी लोगों को बसाकर कश्मीरियों की असली पहचान को ही खत्म कर दिया है. वहां कश्मीरियों और बाहरी लोगों की पहचान करना मुश्किल है.

कश्मीरियों की पहचान हो रही है खत्म

इस संदर्भ में आर्मी चीफ ने कहा, 'क्या वह कश्मीरी है या पंजाबी है जो वहां आया और उस इलाके में कब्जा कर लिया. गिलगिट-बाल्टीस्तान के लोग भी अब धीरे-धीरे वहां आकर बसने लगे हैं. अगर हमारे तरफ के कश्मीरियों और दूसरे तरफ के कश्मीरियों के बीच कोई पहचान है तो यह पहचान वाली चीज धीरे-धीरे खत्म हो चुकी है. यह ऐसा मुद्दा है जिस पर हमें गौर करना चाहिए.' आर्मी चीफ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आए दिन कुछ न कुछ होता रहता है. जब तक कश्मीर में पूरी तरह से शांति स्थापित होने तक सेना को वापस नहीं बुलाया जा सकता है. यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: आतंकियों पर कहर बन कर टूट रही है भारतीय सेना, आज पुलवामा में 2 को किया ढेर, 7 दिन में 20 को पहुंचाया ऊपर

आतंकियों के जनाजा निकाले जाने पर जताई आपत्ति 

रक्षा अनुसंधान और विश्लेषण संस्थान के 9वें यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल लेक्चर में जनरल रावत ने कहा कि आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करने और उस पर नियंत्रण के लिए कश्मीर में लगातार दबाव बनाए रखना होगा. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में मारे जा रहे आतंकियों जनाजा निकाले जाने की अनुमति देने पर भी चिंता जताई और कहा कि वे आतंकियों को शहीद बताकर उनका महिमामंडन करते हैं. इससे और लोगों को आतंकवादी बनने के लिए प्रोत्साहन मिलता है.

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