US Presidential Election 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में एक और भारतीय-अमेरिकी शामिल
वैज्ञानिक और उद्यमी, शिवा अय्यादुरई 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपनी दावेदारी की घोषणा करने वाले चौथे भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं.
वाशिंगटन, 2 अगस्त: वैज्ञानिक और उद्यमी, शिवा अय्यादुरई 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपनी दावेदारी की घोषणा करने वाले चौथे भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं. यह भी पढ़े: Hirsh Vardhan Singh Announces 2024 Presidential Bid: हर्षवर्धन सिंह अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार की दौड़ में हुए शामिल, रिपब्लिकन में तीसरे भारतवंशी
मुंबई में जन्मे 59 वर्षीय अय्यादुरई ने हाल ही में अपने अभियान की घोषणा करते हुए कहा कि वह "वाम" और "दक्षिण" पंथों से परे अमेरिका की सेवा करना चाहते हैं ताकि लोगों को ऐसे समाधान प्रदान किए जा सकें जिनकी उन्हें जरूरत है और वे इसके हकदार भी हैं.
अय्यादुरई ने कहा, "मैं संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए लड़ रहा हूं हम उस चौराहे पर खड़े हैं जहां हम या तो स्वर्ण युग में जा सकते हैं या अंधेरे में... अमेरिका तब महान बनता है जब नवप्रवर्तक, उद्यमी, कौशल वाले कामकाजी लोग और इसके लिए प्रतिबद्ध लोग सामान्य ज्ञान और तर्क का उपयोग करके इस देश को चलाएं.
अपने प्रचार अभियान में उन्होंने कहा कि देश और स्थानीय सरकार में भ्रष्टाचार और साठगांठ वाले पूंजीवाद को व्याप्त करने वाले कैरियर राजनेताओं, राजनीतिक धुरंधरों, वकील-लॉबिस्टों और शिक्षाविदों के पुराने रक्षक अमेरिका को महान बनने से रोकते हैं.
अय्यादुरई ने 1970 में भारत छोड़ दिया और अपने माता-पिता के साथ अमेरिकी सपने को जीने के लिए पैटर्सन, न्यू जर्सी में आ गये उन्होंने अपनी अभियान वेबसाइट पर कहा, "मैंने 1970 में भारत की जाति व्यवस्था छोड़ दी, जहां हमें निचली जाति 'अछूत' और 'निंदनीय' माना जाता था.
अय्यादुरई भारतीय-अमेरिकी एयरोस्पेस इंजीनियर हर्ष वर्धन सिंह, दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली और उद्यमी विवेक रामास्वामी के बाद 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की रेस में उतरने वाले चौथे भारतीय-अमेरिकी हैं.
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से चार डिग्री हासिल करने वाले अय्यादुरई ने पिछले साल ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद संभालने में रुचि व्यक्त की थी उनकी अभियान वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने इकोमेल, साइटोसॉल्व और सिस्टम्स हेल्थ सहित कई सात हाई-टेक कंपनियां शुरू की हैं जब वह सिर्फ 14 साल के थे, तब उन्होंने "ईमेल का आविष्कार" किया था.
वह वर्तमान में साइटोसॉल्व के संस्थापक और सीईओ हैं, जो अग्नाशय के कैंसर से लेकर अल्जाइमर तक प्रमुख बीमारियों का इलाज खोज रहा है.