पलासा, श्रीकाकुलम: एक महिला सब-इंस्पेक्टर ने सोमवार को एक 80 साल के बेघर व्यक्ति के शव को अपने कंधे पर एक किलोमीटर तक ढोया. व्यक्ति के शव को उठाने के लिए कोई भी आगे नहीं आया, जिसके बाद उन्हें आगे आकर शव उठाना पड़ा. यह घटना आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में काशीबुगा-पलासा के समपंगीपुरम के एक गांव अदावी कोट्टु में हुई. ये जगह अपने काजू उद्योगों के लिए जानी जाती है. काशीबुग्गा पुलिस को अडविकोटुरु में खेतों में एक अज्ञात व्यक्ति की मौत की सूचना मिलने के बाद, सब-इंस्पेक्टर कोट्टुरू सिरिशा कॉन्स्टेबल के साथ वहां पहुंची.
हमने एक अज्ञात व्यक्ति के शव को देखा, जिसकी आयु लगभग 80 वर्ष थी. जिसे स्थानीय लोगों ने भिखारी बताया. शव को खेतों से वाहन तक लाना मुश्किल था, क्योंकि सड़क तक के लिए कोई रास्ता नहीं था. हमने ग्रामीणों से अनुरोध किया लेकिन कोई आगे नहीं आया. सब-इंस्पेक्टर जो विजाग शहर की मूल निवासी हैं और फार्मेसी की डिग्री रखती हैं उन्होंने कहा कि यह संदिग्ध मौत का मामला नहीं है क्योंकि शरीर पर कोई चोट नहीं थी. यह भी पढ़ें: शर्मनाक! उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में सड़क पर पड़ी लाश को कूड़ा गाड़ी से उठाया गया, 3 पुलिस वाले सहित 4 निगमकर्मी सस्पेंड
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AP Police cares: DGP Gautam Sawang lauds the humanitarian gesture of a Woman SI, K.Sirisha of Kasibugga PS, @POLICESRIKAKULM as she carried the unknown dead body for 2 km from Adavi Kothur on her shoulders & helped in performing his last rites.#WomanPolice #HumaneGesture pic.twitter.com/QPVRijz97Z— Andhra Pradesh Police (@APPOLICE100) February 1, 2021
उन्होंने शख्स की मौत का कारण भुखमरी बताया है. क्योंकि शख्स बहुत कमजोर था. एसआई ने कहा. जब कोई भी शव को स्थानांतरित करने में मदद करने के लिए आगे नहीं आया, तो सिरिशा ने पहल की और ललिता ट्रस्ट के एक सदस्य की मदद से शव को स्ट्रेचर पर उठाया. पुलिस वाहन तक पहुंचने में उन्हें लगभग 25 मिनट लगे. महिला पुलिस अधिकारी द्वारा शव उठाकर ले जाते हुए देखने के बाद कुछ ग्रामीण शव का दाह संस्कार करने के लिए आगे कदम बढ़ाया और उनकी मदद की. यह भी पढ़ें: राजधानी दिल्ली के भजनपुरा में घर से 5 शव बरामद- लाश 4 से 5 दिन पुरानी
सब इंस्पेक्टर सिरिशा जो एक 12 वर्षीय की मां है, ने बताया कि उन्होंने पुलिस की नौकरी इसलिए जॉइन की क्योंकि उनके पिता अपनी चार बेटियों में से एक को पुलिस में शामिल देखना चाहते थे. उन्होंने शराबबंदी और एक्साइज डिपार्टमेंट में भी काम किया. महिला सब इंस्पेक्टर ने बताया कि जब उन्होंने शव ले जाने का फैसला किया गया तो उनमें डर की कोई भावना नहीं थी “मैंने लोगों की सेवा और समाज का विस्तार करने के लिए पुलिस बल में शामिल हुई हूं. मृत लोग भी डिग्निटी डीसर्व करते हैं. मैंने केवल अपना कर्तव्य निभाया, उन्होंने कहा. डीजीपी गौतम सवांग ने भी सिरिशा के मानवतावादी व्यवहार की सराहना की.