Operation Blue Star की 35वीं बरसी आज, अमृतसर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
ब्लू स्टार की 35वीं बरसी में किसी भी प्रकार की अनहोनी घटना न हो इसके लिए गुरु नगरी अमृतसर को छावनी में तब्दील कर दिया है. वहीं दोपहिया, कार, ट्रकों व अन्य भारी वाहनों की तलाशी भी ली जा रही है.
अमृतसर: पंजाब के अमृतसर ( Amritsar ) में ऑपरेशन ब्लू स्टार की 35वीं बरसी (35th anniversary of Operation Blue Star) पर स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है. पंजाब के अमन में खलल डालने के लिए कुछ चरमपंथी इसी बहाने रहते हैं. लेकिन उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया गया था. 6 जून आज ही के दिन पंजाब के स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार को अंजाम दिया गया था. ब्लू स्टार की 35वीं बरसी में किसी भी प्रकार की अनहोनी घटना न हो इसके लिए गुरु नगरी अमृतसर को छावनी में तब्दील कर दिया है.
वहीं दोपहिया, कार, ट्रकों व अन्य भारी वाहनों की तलाशी भी ली जा रही है. बता दें कि भारतीय सेना ने इस दिन अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में प्रवेश किया था. सिखों के इस सर्वाधिक पूजनीय स्थल पर सेना के अभियान को आपरेशन ब्लू स्टार नाम दिया गया था.
दरअसल देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) देश के सबसे खुशहाल राज्य पंजाब को उग्रवाद के दंश से छुटकारा दिलाना चाहती थीं, लिहाजा उन्होंने यह सख्त कदम उठाया और खालिस्तान के प्रबल समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले का खात्मा करने और सिखों की आस्था के पवित्रतम स्थल स्वर्ण मंदिर को उग्रवादियों से मुक्त करने के लिए यह अभियान चलाया. समूचे सिख समुदाय ने इसे हरमंदिर साहिब की बेअदबी माना और इंदिरा गांधी को अपने इस कदम की कीमत अपने सिख अंगरक्षक के हाथों जान गंवाकर चुकानी पड़ी.
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जानिए क्या था ऑपरेशन (Operation Blue Star) ब्लू स्टार?
बता दें कि 3 से 6 जून 1984 को पंजाब के अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में ऑपरेशन ब्लू स्टार को चलाया गया था. गौरतलब है कि यह ऑपरेशन स्वर्ण मंदिर में डेरा बनाए आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिय चलाया गया था. इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य अलग खालिस्तान की मांग करने वाले भिंडरावाला और उसके समर्थकों को स्वर्ण मंदिर से बाहर निकालने को लिए चलाया गया था जो मंदिर परिसर में छिप कर बैठे हुए थे.