अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में रविवार के दिन निरंकारी भवन में हुए आतंकी हमले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार युवक पंजाब का स्थानीय निवासी ही है. गिरफ्तार युवक से पूछताछ और जांच के बाद हमले में पाकिस्तानी कनेक्शन मिला है. जांच में पुलिस ने पाया कि आरोपी युवक ने पाकिस्तान में बैठे आतंकियों की मदद से इस हमले को अंजाम दिया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हैंड ग्रेनेड हमले के पीछे खालिस्तानी आतंकी हरमीत सिंह हैप्पी उर्फ पीएचडी का हाथ है. उनसे ही हमले की साजिश को रचा था. पाकिस्तान में छिपकर बैठे हरमीत सिंह हैप्पी उर्फ पीएचडी ने लोकल लड़कों की मदद से ये ग्रेनेड अटैक करवाया था.
I'm happy to announce that police nabbed one of the two persons involved. 26-year-old Bikramjit Singh has been arrested. The other man will also be arrested soon. His name is Avtar Singh: Punjab CM on #Amritsar blast at Nirankari Mission congregation that claimed 3 lives pic.twitter.com/k0S52mpdKe
— ANI (@ANI) November 21, 2018
इस मामले में पहली गिरफ्तारी के बाद शाम चार बजे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए शख्स का नाम है बिक्रमजीत सिंह. वह धालीवाल गांव का रहने वाला है. दूसरा आरोपी अवतार सिंह है, जिसे जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. अमरिंदर ने कहा कि आतंकी अब कश्मीर से पंजाब की ओर रुख कर रहे हैं. हम इसे रोकेंगे.
खालिस्तानी आतंकी रची थी साजिश
आज तक की खबर के अनुसार पंजाब पुलिस ने जिस लोकल युवक को हिरासत में लिया है, उसने निरंकारी समागम स्थल पर हैंड ग्रेनेड फेंकने की बात कबूली. साथ ही पुलिस को यह भी पता चला कि हैंड ग्रेनेड अटैक के लिए पैसा और ग्रेनेड पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकी हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी ने मुहैया करवाया था. यह भी पढ़ें- अमृतसर ब्लास्ट: केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर ने कहा- PAK को उसकी करतूत का दिया जाएगा कड़ा जवाब
जांच-पड़ताल में सामने आया कि पटियाला से कुछ दिन पहले पकड़े गए खालिस्तान गदर फोर्स के आतंकी शबनम दीप सिंह ने इसके लिए स्लीपर सेल के माध्यम से इन दो लड़कों को बरगला कर अपने साथ जोड़ा था. शबनम दीप सिंह ने गरीब लड़कों को खालिस्तान के नाम पर बरगला कर उनको चंद हजार रुपए देकर हैंड ग्रेनेड फेंकने के लिए तैयार किया था और साथ ही इसके लिए उन्हें बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई थी.