अमृतसर: अमृतसर में ट्रेन दुर्घटना को लेकर चालक के बयान का स्थानीय लोगों ने रविवार को विरोध किया जिसमें उसने कहा था कि घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने ट्रेन पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया था. पुलिस और रेलवे अधिकारियों को दिये एक बयान में ट्रेन के चालक ने कहा कि उसने ट्रेन नहीं रोकी क्योंकि दुर्घटनास्थल पर भीड़ ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया था. 19 अक्टूबर को रावण का पुतला दहन देखने के दौरान एक ट्रेन की चपेट में आने से 59 लोगों की मौत हो गई थी.
अमृतसर में वार्ड नंबर 46 के पार्षद शैलेन्द्र सिंह शली ने बताया, ‘‘मैं घटनास्थल पर था. ट्रेन रोकने की बात तो छोड़ दीजिये यह धीमा भी नहीं हुआ. ऐसा लगा कि अगर चालक चाहता तो हमें भी कुचल देता. ट्रेन कुछ सकेंड में हमारे पास से गुजर गयी.’’