नई दिल्ली. मानवाधिकारों पर नजर रखने वाला संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने मंगलवार को विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून के उल्लंघन के आरोपों से इनकार किया. इस बारे में प्रवर्तन निदेशालय के कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद संस्थान ने यह बात कही. वैश्विक निकाय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘...एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लि. को प्रवर्तन निदेशालय से कारण बताओ नोटिस मिला है... हम आरोपों से इनकार करते हैं. हमें संविधान और न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है.’’उसने कहा, ‘‘नोटिस का जवाब देने से पहले हम और कोई ब्योरा साझा नहीं कर सकते.’’
प्रवर्तन निदेशालय ने 25 जुलाई को एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लि. को 25 जुलाई को कारण बताओ नोटिस दिया था. यह नोटिस 51 करोड़ रुपये के लेनदेन मामले में विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के प्रावधानों का उल्लंघन करने को लेकर दिया गया.’’ यह भी पढ़े-एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया को ईडी ने जारी किया कारण बताओ नोटिस, फेमा कानून के उल्लंघन का है आरोप
आधिकारिक सूत्रों ने पिछले सप्ताह कहा था कि जांच के बाद नोटिस जारी किया गया है. सूत्रों के मुताबिक कथित फेमा उल्लंघन कानून के कर्ज और उधारी नियमनों से संबंधित है जिसमें 51.72 करोड़ रुपये की राशि संलिप्त है. यह राशि देश में नागरिक सेवा गतिविधियों के लिये संगठन को उसकी मूल इकाई एमनेस्टी इंटरनेशनल यूके से सेवा निर्यात के एवज में प्रेषित राशि के जरिये मिली.
जांच एजेंसी ने पिछले साल अक्टूबर में विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन को लेकर बेंगलुरू में गैर-सरकारी संगठन के दफ्तरों की तलाशी ली थी.