भारत में एयरबस 5000 लोगों को देगा नौकरी! टाटा से हुई बड़ी डील, इंडिया में होगा C295 और H125 का निर्माण
एयरबस की भारत में बढ़ती उपस्थिति और निवेश न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा, बल्कि भारतीय विमानन उद्योग को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेगा.
नई दिल्ली: एयरबस, एक प्रमुख विमान निर्माता कंपनी, ने घोषणा की है कि वह अगले कुछ वर्षों में भारत में 5,000 से अधिक प्रत्यक्ष कर्मचारियों को नियुक्त करने की योजना बना रही है. इसके अलावा, कंपनी भारत से 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की सेवाओं और सामग्रियों की आपूर्ति करने का भी लक्ष्य रखती है. एयरबस इंडिया के राष्ट्रपति और दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक, रेमी मैलार्ड ने यह जानकारी दी.
वर्तमान में एयरबस (Airbus India)भारत में लगभग 3,500 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार देती है और यहाँ से वह 1 बिलियन यूरो की सेवाएँ और सामग्रियाँ प्राप्त कर रही है. मैलार्ड ने नई दिल्ली में एयरबस इंडिया और दक्षिण एशिया मुख्यालय - प्रशिक्षण केंद्र के उद्घाटन समारोह में कहा कि कंपनी का देश के साथ जुड़ाव नई गति प्राप्त कर रहा है.
भविष्य की योजनाएं
एयरबस ने अपनी मौजूदा योजना के तहत भारत में एक दूसरा पायलट प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए एयर इंडिया के साथ एक संयुक्त उद्यम बनाने की बात भी की है. इसके साथ ही, बेंगलुरु में 5,000 लोगों की क्षमता वाला एक एयरबस परिसर विकसित करने के लिए भी निवेश किया जाएगा. इसके अलावा, एयरबस भारत में C295 सैन्य विमान और H125 हेलिकॉप्टर का निर्माण करेगा, जो टाटा समूह के साथ साझेदारी में किए जा रहे हैं.
स्थायी विमानन ईंधन
मैलार्ड ने यह भी कहा कि एयरबस भारतीय अनुसंधान संगठनों के साथ मिलकर 'मेड इन इंडिया' स्थायी विमानन ईंधन (SAF) के व्यावसायीकरण में सहायता कर रहा है. एयरबस डिफेंस और स्पेस के CEO माइकल शोएलहॉर्न ने कहा कि 'मेक-इन-इंडिया' कंपनी की रणनीति का मुख्य आधार है.
उन्होंने कहा, "C295 कार्यक्रम भारत में निजी क्षेत्र द्वारा पूरी तरह से निर्मित पहले विमान के रूप में इतिहास बना रहा है."
मैलार्ड ने भारतीय सशस्त्र बलों के भविष्य के आधुनिकीकरण परियोजनाओं में C295 कार्यक्रम की सफलता को दोहराने की तैयारी की बात की. इसमें "मध्यम परिवहन विमान कार्यक्रम शामिल है, जिसके लिए हम भारत में A400M को पूरी तरह से औद्योगिककरण करने के लिए तैयार हैं."
एयरबस की भारत में बढ़ती उपस्थिति और निवेश न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा, बल्कि भारतीय विमानन उद्योग को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेगा. यह 'मेक-इन-इंडिया' पहल को मजबूत करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने की दिशा में एक बड़ा कदम है.