पश्विम बंगाल विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता घटकर सबसे कम मात्र 36 रह गई
आईएएनएस-सी वोटर के सर्वेक्षण के मुताबिक इस वर्ष पश्विम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार और कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लोगों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुल संतोषजनक रेटिंग घटकर मात्र 36 रह गई थी जो उनके प्रधानमंत्री बनने के 2014 के बाद से सबसे निम्नतम है .
नई दिल्ली, 31 दिसम्बर : आईएएनएस-सी वोटर के सर्वेक्षण के मुताबिक इस वर्ष पश्विम बंगाल विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार और कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लोगों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुल संतोषजनक रेटिंग घटकर मात्र 36 रह गई थी जो उनके प्रधानमंत्री बनने के 2014 के बाद से सबसे निम्नतम है . आईएएनएस-सीवोटर ट्रैकर के मुताबिक लोगों में श्री मोदी की छवि काफी लोकप्रिय थी लेकिन वर्ष 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार और कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जनता श्री मोदी के कामकाज से काफी असंतुष्ट नजर आई थी. इस दौरान 58 प्रतिशत शहरी और 61 प्रतिशत ग्रामीण मतदाताओं ने कहा था कि देश जब कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा था तो उस वक्त श्री मोदी की चुनाव प्रचार रैलियों को लेकर वाकई उन्हें अच्छा नहीं लगा था.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जो तबाही मची थी और इसके बाद आर्थिक गतिविधियों के कम हो जाने का असर श्री मोदी की कार्यशैली की संतोषजनक रेटिंग पर पड़ा था और यह घटकर सबसे कम 36 पायदान तक आ गई थी. कोरोना के कारण देश में पहली बार लगाए गए 2020 के लॉकडाउन के कारण देश में औद्योगिक उत्पादन संबंधी गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई थी और इसका असर देश के सकल घरेलू उत्पाद पर पड़ा था और वित्त वर्ष 2020-21 में यह 7.5 प्रतिशत से अधिक कम हो गया था. इससे बुरा हाल रोजगार के क्षेत्र में हुआ था और सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारी दर इस दौरान बढ़कर 22 प्रतिशत से ज्यादा हो गई थी. यह भी पढ़ें : 2021 के चुनावी दंगल की ‘Man Of The Match’ रही ममता बनर्जी, प्रधानमंत्री मोदी समेत पूरे भारतीय जनता पार्टी के सामने चट्टान की तरह रही डटे
इसके बाद आईएएनएस-सीवोटर ट्रैकर के नवंबर 2021 के सर्वेक्षण में एक बार फिर रोजगार के क्षेत्र में 28.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अब रोजगार से हाथ धाने का उन्हें कोई खतरा नहीं है जबकि 33.5 प्रतिशत लोगों ने इस दौरान नौकरी से छंटनी किए जाने की आशंका व्यक्त की थी . लेकिन इसके बावजूद श्री मोदी की लोकप्रियता कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के मुकाबले तीन गुना अधिक थी. इस वर्ष जून में जब देश में सामूहिक कोरोना टीकाकरण अभियान चलाया गया और आर्थिक क्षेत्र में जोरदार सुधार के बाद श्री मोदी की लोकप्रियता में एक बार जबर्दस्त सुधार हुआ और यह बढ़कर लगभग 50 अंकों के समीप हो गई लेकिन यह अभी भी उस पायदान से कम है जो उनके 2019 में प्रधानमंत्री बनने के दौरान थी. लेकिन इसका एक संदेश यह भी है कि भले ही उनकी लोकप्रियता में कितनी ही गिरावट आ जाए मगर वह अभी भी राष्ट्रीय स्तर पर अपने विरोधी नेताओं के मुकाबले भारतीय मतदाताओं में तुलनात्मक रूप से लोकप्रिय हैं.