जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर के बाद अब शैम्पू भी हो सकता है नन्हें बच्चों के लिए घातक, स्टैंडर्ड क्वालिटी टेस्ट में हुआ फेल 

पावडर में हानिकारक पदार्थ मिले होने की खबर के बाद अब खबर आ रही है कि जॉनसन एंड जॉनसन का शैंपू भी स्टैंडर्ड क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गया है. दरअसल, राजस्थान ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने शैंपू के 2 बैच में बड़ी गड़बड़ी पाई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: flickr chubskee)

जॉनसन एंड जॉनसन  (Johnson and Johnson) नन्हे बच्चों के लिए हेल्थ केयर प्रोडक्ट्स (Health Care Products for Babies) बनाने वाली एक जानी मानी कंपनी है. कई माता-पिता अपने नन्हे बच्चों के लिए इसके प्रोडक्ट्स को खरीदते हैं और आंख बंद करके इस पर भरोसा भी करते हैं. अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर (Baby Powder) के बाद अब इसका शैंपू (Shampoo) भी आपके बच्चे के लिए घातक साबित हो सकता है. अभी कुछ समय पहले ही जॉनसन एंड जॉनसन पाउडर में हानिकारक पदार्थ मिले होने की खबर सुर्खियों में आई थी. बताया जा रहा था कि इस पदार्थ के चलते बच्चे को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है.

पावडर में हानिकारक पदार्थ मिले होने की खबर के बाद अब खबर आ रही है कि जॉनसन एंड जॉनसन का शैंपू भी स्टैंडर्ड क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गया है. दरअसल, राजस्थान ड्रग कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने शैंपू के 2 बैच में बड़ी गड़बड़ी पाई है. राजस्थान ड्रग रेगुलेटर ने इस शैंपू के 2 बैच – ‘BB58204’ and ‘BB58177’को टेस्ट किया था, जिसमें हानिकारक फार्मेल्डिहाइड होने की रिपोर्ट सामने आई है. बताया जा रहा है कि ये शैंपू साल 2021 में एक्सपायर हो जाएंगे.

बता दें कि इस टेस्ट में फेल हो जाने के बाद राजस्थान ड्रग्स वॉचडॉग ने ड्रग्स कंट्रोल ऑफिसर को नोटिस के जरिए इन स्टॉक्स को किसी के द्वारा इस्तेमाल न किए जाने और मौजूदा स्टॉक को मार्केट से हटाए जाने की हिदायत दी है. इसके साथ ही ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के तहत राजस्थान ड्रग रेगुलेटर अगर चाहे तो जॉनसन एंड जॉनसन पर मुकदमा भी चला सकती है. यह भी पढ़ें: जॉनसन एंड जॉनसन पाउडर से बच्चों को कैंसर का खतरा, सब कुछ जानते हुए भी कंपनी सालों से बेच रही है प्रोडक्ट: रिपोर्ट

उधर, जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने अपना पक्ष रखते हुए बेबी शैंपू में फार्मेल्डिहाइड होने की रिपोर्ट से साफ इंकार कर दिया है. कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि सरकार ने उन्हें टेस्ट से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी है और यह भी नहीं बताया है कि यह टेस्ट किस तरीके से किया गया है. इस दलील के साथ कंपनी ने बेबी शैंपू में फार्मेल्डिहाइड होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया है.

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