कृषि कानून के बाद दूध की बिक्री के लिए आ रहा है कोई नियम? राकेश टिकैत बोले- इसके बाद अब खुला दूध नहीं बिकेगा

किसान नेता टिकैत ने कहा, इस तरह के कानून आ रहे हैं कि अब खुला दूध नहीं बिकेगा. पहले कंपनी को बेचो, फिर वो पैकेट में बेचेगी. गांव से जाएगा 20-30 रुपये किलो और जनता को मिलेगा 80-90 रुपये किलो.

राकेश टिकैत (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. किसान कानूनों की वापसी पर अड़े हुए हैं. इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का कहना है कि सरकार कृषि कानूनों के बाद अब दूध को लेकर कानून लेकर आ रही है. राकेश टिकैत ने कहा, इस कानून के बाद से खुला दूध नहीं बिकेगा. किसान नेता टिकैत ने कहा, इस तरह के कानून आ रहे हैं कि अब खुला दूध नहीं बिकेगा. पहले कंपनी को बेचो, फिर वो पैकेट में बेचेगी. गांव से जाएगा 20-30 रुपये किलो और जनता को मिलेगा 80-90 रुपये किलो.

इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान देते हुए कहा, सरकार सोच रही है कि फसल आ जाएगी तो किसान घर वापस लौट जाएंगे. हमने कहा कि हम खड़ी फसलों को बर्बाद कर देंगे पर घर वापस नहीं जाएंगे. राकेश टिकैत ने कहा, फसल के मौसम में आंदोलन चलाना बड़ी चुनौती है, लेकिन सरकार से लड़ाई में एक फसल की कुर्बानी देने के लिए किसान तैयार हैं. Farmers Protest: राकेश टिकैत बोले- हम खड़ी फसलों को बर्बाद कर देंगे पर घर वापस नहीं जाएंगे.

राकेश टिकैत का बयान:

रविवार को अपने अपने इस बयान से पलटते हुए राकेश टिकैत ने किसानों से अपील की है कि वो फसल को बर्बाद न करें फसल राष्ट्र की संपत्ति है. उन्होंने कहा कि मेरा संदेश है कि फसल को कोई बर्बाद न करें, फसल को काटे अगर स्वयं काटने के हालत में नहीं हैं तो गांव के मजदूरों से कटवाए. अन्न को बर्बाद न करें, अन्न अकेला मेरा नहीं है. अन्न देश का है, इस कारण ऐसा कोई भी कार्य नहीं करें.

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