Afghanistan Crisis: इंडियन एयरफोर्स के C-17 विमान से 120 से ज्यादा अधिकारी लौट रहे देश; भारत में प्रवेश के लिए फास्ट-ट्रैक वीजा देने की घोषणा
तालिबान का दौर लौटने के बाद अफगानिस्तान में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं, जिसके कारण लोगों में डर है. एक बड़ी आबादी देश से भागने का प्रयास कर रही है. इस बीच भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान ने काबुल से 120 से अधिक भारतीय अधिकारियों के साथ उड़ान भरी है.
काबुल: तालिबान (Taliban) का दौर लौटने के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं, जिसके कारण लोगों में डर है. एक बड़ी आबादी देश से भागने का प्रयास कर रही है. इस बीच भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान ने काबुल से 120 से अधिक भारतीय अधिकारियों के साथ उड़ान भरी है. कर्मचारियों को कल देर शाम काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के सुरक्षित इलाकों में सुरक्षित पहुंचा दिया गया था. Afghanistan Crisis: जो बाइडन ने अफगानिस्तान से सेना बुलाने का किया बचाव, तालिबान को दी चेतावनी
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे की पृष्ठभूमि में विदेश मंत्रालय ने स्वदेश लौटने के इच्छुक लोगों तथा अन्य संबंधित विषयों में समन्वय के लिए ‘अफगानिस्तान प्रकोष्ठ’ का गठन किया है. भारत अफगान सिख और हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क में है. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि देश अफगानिस्तान छोड़ने के इच्छुक लोगों को भारत वापस लाने की सुविधा देगा. मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत उन अफगानों के लिए भी खड़ा है जो आपसी विकास को बढ़ावा देने में भागीदार रहे हैं. विशेष अफगानिस्तान प्रकोष्ठ से संपर्क के लिए फोन नंबर +919717785379 और ईमेल आईडी- MEAHelpdeskIndia@gmail.com भी उपलब्ध कराया गया है.
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को देखते हुए वीजा प्रावधानों की समीक्षा की है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत में प्रवेश के लिए फास्ट-ट्रैक वीज़ा आवेदनों के लिए e-Emergency X-Misc Visa नाम से इलेक्ट्रॉनिक वीजा (Electronic Visa) की एक नई श्रेणी शुरू की गई.
बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान में कई भारतीय है जो देश वापस लौटना चाहते हैं, फ़िलहाल वे सुरक्षित क्षेत्र में हैं और उन्हें एक या दो दिन में भारत सरकार सुरक्षित वापस ला सकती है. हालांकि भारत की एयरलाइंस अफगानिस्तान के ऊपर से उड़ान भरने से बचेंगी. ऐसे में भारतीय वायुसेना के विमानों को इस अभियान में शामिल किया जा सकता है.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्पष्ट कह दिया है कि अब अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना नहीं जाएगी, अफगान जनता को खुद अपने भविष्य के लिए लड़ना होगा. 20 वर्षों में पहली बार अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान ने सोमवार को युद्ध समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में भविष्य की सरकार के बारे में दोहा में चर्चा चल रही है, जिसमें इसकी संरचना और नाम शामिल है.
अफगानिस्तान के नागरिकों ने अपने देश की मौजूदा स्थिति के लिए राष्ट्रपति अशरफ गनी को जिम्मेदार ठहराया है. अफगानिस्तान के अब अपदस्थ राष्ट्रपति अशरफ गनी, जिन्होंने 2014 से अमेरिका समर्थित अफगान सरकार का नेतृत्व किया था, ने रविवार को देश छोड़ दिया था. भगोड़े गनी का सटीक स्थान अज्ञात है, लेकिन कहा जा रहा है कि वह अमेरिका भागने के लिए ओमान गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि काबुल में रूसी दूतावास ने कहा है कि गनी अपने साथ बड़ी मात्रा में नकदी और कीमती सामान लेकर गए हैं.