नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के प्रेसिडेंट अंकिव बसोया को फर्जी डिग्री मामलें में घिरने के बाद सभी पदों से निकाल दिया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र इकाई एबीवीपी ने गुरुवार को कहा कि फर्जी डिग्री मामलें की जांच पूरी होने तक बसोया को संगठन से बाहर किया गया है.
एबीवीपी ने बसोया को दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ का प्रेसिडेंट पद भी छोड़ने के लिए कहा है. एबीवीपी ने बयान जारी कर कहा कि जब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक अंकिव बसोया को एबीवीपी की सभी जिम्मेदारियों से हटा दिया गया है.
बता दें कि अंकिव बसोया पर कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने आरोप लगाया था कि उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया है. इसकी पुष्टी के लिए एनएसयूआई ने तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी की ओर से भेजा गया एक पत्र भी जारी किया था.
We have asked DUSU President Ankiv Baisoya to resign from his post and also expelled him from all the responsibilities of the organization till the inquiry is over (in fake degree case): Akhil Bhartiya Vidyarthi Parishad (ABVP) pic.twitter.com/6omJzXc5Dz
— ANI (@ANI) November 15, 2018
कांग्रेस के छात्र संगठन का आरोप है कि ने बसोया की ओर से सौंपी गई बीए की डिग्री फर्जी है. एनएसयूआई के मुताबिक एमए (बौद्ध अध्ययन) में दाखिले के लिए बसोया की ओर से एक मार्कशीट पेश की गई थी, लेकिन तिरुवल्लुवर यूनिवर्सिटी ने ऐसे किसी नाम के छात्र को दाखिला देने की बात से इनकार कर दिया और कहा कि उस सीरियल नंबर की मार्कशीट उनके रिकॉर्ड में नहीं है.
इससे पहले एबीवीपी ने अपने नेता का बचाव करते हुए कहा था कि बसोया की ओर से जमा किए गए दस्तावेजों की उचित जांच-पड़ताल के बाद ही यूनिवर्सिटी ने उन्हें दाखिला दिया था. एनएसयूआई के आरोप मात्र ‘दुष्प्रचार’ है.
एबीवीपी ने कहा था, ‘‘दस्तावेजों की उचित जांच-पड़ताल के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अंकिव बसोया को दाखिला दिया. यह दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रक्रिया है. आज भी डीयू को यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत किसी भी छात्र के दस्तावेजों की जांच-पड़ताल का अधिकार है. लेकिन किसी व्यक्ति को प्रमाण-पत्र देना एनएसयूआई का काम नहीं है.’’