8th Pay Commission Update: केंद्र सरकार के करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 8वें वेतन आयोग को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है. सातवां वेतन आयोग (7th Pay Commission) का 10 साल का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है, ऐसे में सभी की निगाहें नए वेतन आयोग की सिफारिशों पर टिकी हैं. लेकिन सरकार ने साफ किया है कि लागू होने की तारीख पर फैसला बाद में लिया जाएगा.
लोकसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि 8th Central Pay Commission पहले ही गठित किया जा चुका है और इसका Terms of Reference (ToR) भी 3 नवंबर 2025 को जारी कर दिया गया है. लेकिन लागू होने की तारीख सरकार बाद में तय करेगी. पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार सिफारिशें स्वीकार होने के बाद उसके अनुसार फंड की व्यवस्था करेगी.
कितने कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलेगा फायदा
सरकार के अनुसार 50.14 लाख केंद्रीय कर्मचारी, 69 लाख पेंशनर्स 8वें वेतन आयोग के दायरे में आएंगे. यानी कुल मिलाकर करीब 1.2 करोड़ लोगों को वेतन आयोग के लागू होने का सीधा असर पड़ेगा.
8th Pay Commission कब देगा अपनी रिपोर्ट?
सरकार के मुताबिक, आयोग अपनी सिफारिशें संविधान की तारीख से 18 महीने के भीतर देगा. इसका मतलब है कि रिपोर्ट मिड 2027 तक आने की संभावना है. यानी कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग का लाभ तुरंत नहीं मिलेगा.
क्या 1 जनवरी 2026 से लागू होगा? जानिए सरकार का रुख
सवाल पूछा गया था कि क्या यह आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होगा, जैसा परंपरागत रूप से होता आया है? सरकार ने कोई तारीख तय नहीं की और कहा कि लागू करने का निर्णय बाद में लिया जाएगा. हालांकि परंपरा के अनुसार, सिफारिशें देरी से लागू होने पर भी बकाया (एरियर) अक्सर 1 जनवरी से गिना जाता है.
DA को बेसिक में मर्ज करने की खबरें गलत
सरकार ने साफ कहा कि “फिलहाल मौजूदा महंगाई भत्ता (DA/DR) को बेसिक पे में मर्ज करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.” अभी DA और DR दोनों 55% हैं, जिन्हें छह महीने में एक बार महंगाई के आधार पर एडजस्ट किया जाता है.
आखिर कितना बढ़ सकता है वेतन? जानिए फिटमेंट फैक्टर का हिसाब
वित्तीय संस्था Ambit Capital की रिपोर्ट के अनुसार 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच रह सकता है. 1.83 फिटमेंट फैक्टर पर न्यूनतम वेतन 18,000 हजार रुपये से बढ़कर 32,940 रुपये हो जाएगा. वहीं 2.46 फिटमेंट फैक्टर पर न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 44,280 रुपये हो जाएगा. यानी न्यूनतम वेतन में 15,000 से 26,000 रुपये तक की बढ़ोतरी संभव है.
कितनी बढ़ेगी सैलरी? 14% से 54% तक की संभावना
Ambit Capital के अनुमान के अनुसार 8वें वेतन आयोग से कम से कम 14% तक वास्तविक वृद्धि और अधिकतम 54% तक भी संभव है. हालांकि 54% की संभावना कम मानी जा रही है. सरकार पर वित्तीय बोझ देखते हुए इतनी अधिक बढ़ोतरी मुश्किल मानी जा रही है.
अभी क्यों हो रही है देरी?
8वें वेतन आयोग के लागू होने में देरी की बड़ी वजह यह है कि इसके Terms of Reference (ToR) काफी देर से जारी हुए और आयोग के गठन की प्रक्रिया में भी अपेक्षा से ज्यादा समय लग गया. इसके अलावा, आयोग की प्रक्रिया खुद ही जटिल मानी जाती है, जिसमें विभिन्न विभागों, मंत्रालयों और वित्तीय आकलनों का समन्वय जरूरी होता है.
इस बीच कई कर्मचारी संगठनों ने ToR पर आपत्तियां भी जताई हैं, खासकर इस बात पर कि 69 लाख पेंशनर्स का नाम इसमें स्पष्ट रूप से शामिल नहीं किया गया. इन सभी कारणों की वजह से लागू होने की समयसीमा आगे बढ़ने की आशंका बढ़ गई है.
निष्कर्ष के तौर पर, कर्मचारियों को अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि बड़ा फैसला अभी बाकी है. हालांकि परंपरा के मुताबिक इसका प्रभाव 1 जनवरी 2026 से माना जा सकता है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि का इंतजार करना होगा.













QuickLY